
डोनाल्ड ट्रंप और उनकी तत्कालीन प्रेमिका मेलानिया नॉस 12 फरवरी, 2000 को फ्लोरिडा के पाम बीच स्थित मार-ए-लागो में फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन और ब्रिटिश सोशलाइट घिसलेन मैक्सवेल के साथ खड़े हैं। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट.)
Jeffrey Epstein Case: यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein Case) की करीबी और सहयोगी रहीं गिस्लेन मैक्सवेल (Ghislaine Maxwell) ने एक हालिया जेल साक्षात्कार में दावा किया है कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) या पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (Bill Clinton) को कभी भी कोई "अनुचित आचरण" करते हुए नहीं देखा। मैक्सवेल ने कहा कि ट्रंप और एपस्टीन के बीच “सामाजिक परिस्थितियों में” दोस्ताना व्यवहार था, लेकिन वे कभी करीबी दोस्त नहीं थे। उन्होंने साफ किया कि, “मैंने ट्रंप को कभी किसी मसाज पार्लर या अनुचित जगह पर नहीं देखा।” मैक्सवेल ने हाल ही में जारी हुए 300 पन्नों के जेल साक्षात्कार में उस बहुचर्चित “ग्राहक सूची” के अस्तित्व से भी इनकार किया, जिसे लेकर लंबे समय से मीडिया और सोशल मीडिया पर अटकलें लगाई जाती रही हैं। उन्होंने कहा, “ऐसी कोई सूची है ही नहीं।”
मैक्सवेल ने यह भी दावा किया कि जब वे ट्रंप के आसपास थीं, तब उन्होंने कभी किसी भी महिला के प्रति गलत व्यवहार नहीं किया। उन्होंने कहा, “वो हर तरह से एक सज्जन व्यक्ति थे।”
यह इंटरव्यू के सामने आने के बाद एपस्टीन की शिकार महिलाओं के परिवारों ने नाराज़गी जताई है। वर्जीनिया गिफ्रे के परिवार ने कहा कि साक्षात्कार में मैक्सवेल के झूठ को चुनौती नहीं दी गई और उसे “इतिहास को दुबारा लिखने का मंच” दे दिया गया।
मैक्सवेल वर्तमान में सेक्स ट्रैफिकिंग के मामले में 20 साल की सजा काट रही हैं। उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा पलटवाने की याचिका दी है। उनके वकील ने कहा कि अगर राष्ट्रपति से माफी मिलती है तो वे उसका “स्वागत” करेंगे।
उन्होंने वसाक्षात्कार में र्जीनिया गिफ्रे के लगाए गए आरोपों को “अविश्वसनीय” बताया, जिसमें गिफ्रे ने कहा था कि उसे प्रिंस एंड्रयू के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया था। हालांकि 2022 में प्रिंस एंड्रयू ने गिफ्रे से कोर्ट के बाहर समझौता कर लिया था, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी से इनकार किया था।
इंटरव्यू के दौरान मैक्सवेल से एलन मस्क, बिल गेट्स, नाओमी कैम्पबेल और रॉबर्ट एफ केनेडी जूनियर जैसे कई हाई-प्रोफाइल लोगों के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने इन लोगों को एपस्टीन से नहीं मिलवाया और ये नाम सिर्फ अटकलों का हिस्सा हैं।
बहरहाल गिस्लेन मैक्सवेल के इस इंटरव्यू से एक बार फिर एपस्टीन मामले को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है। जहां एक तरफ ट्रंप पर कोई ठोस आरोप नहीं साबित हो सके हैं, वहीं पीड़ितों के परिवार इस इंटरव्यू को “न्याय का मज़ाक” बता रहे हैं।
Published on:
24 Aug 2025 02:20 pm
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