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हूती ड्रोन हमले से इज़राइल का हवाई अड्डा हिला, भारत को क्यों सतर्क रहने की ज़रूरत, 5 पॉइंट्स में समझें

Houthi drone attack on Israel: हूती विद्रोहियों ने इज़राइल के एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला कर हवाई सुरक्षा को चुनौती दी है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 07, 2025

Houthi drone attack on Israel

यमन के हूती विद्रोहियों ने इज़राइल पर ड्रोन हमला किया। (फोटो: X Handle Plane12429.)

Houthi drone attack on Israel: यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने एक बार फिर इज़राइल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हुए इस हमले में हूतियों ने कई ड्रोनों (Houthi drone attack on Israel) के ज़रिये इज़राइल के दक्षिणी हिस्से को निशाना बनाया। सबसे बड़ा हमला रेमन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ, जो मशहूर पर्यटक शहर ईलाट के पास स्थित है। इस हमले से एयरपोर्ट (Israel airport drone strike) की खिड़कियों के शीशे टूट गए और यात्रियों में अफरातफरी मच गई। इज़राइली सेना (Israeli Army) ने दावा किया कि अधिकतर ड्रोन को देश की सीमाओं से बाहर ही मार गिराए गए, लेकिन एक ड्रोन इज़राइल की बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा को पार कर गया और सीधे एयरपोर्ट पर टकरा गया। हमले के बाद कुछ देर के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया और उड़ानों के मार्ग बदल दिए गए।

सीमित नुकसान, लेकिन बड़ा संदेश

हालांकि इस एयरपोर्ट को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और कुछ ही घंटों में सेवाएं फिर से शुरू हो गईं, लेकिन इस हमले ने इज़राइल की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। केवल एक व्यक्ति को हल्की चोटें आईं, लेकिन हूतियों ने इस हमले को "एक सफल सैन्य ऑपरेशन" बताया।

हमले के पीछे का कारण – गाजा और फिलिस्तीन मुद्दा

यह हमला ऐसे समय पर हुआ जब कुछ ही दिन पहले इज़राइली हमले में हूती प्रधानमंत्री और कई शीर्ष नेता मारे गए थे। इसके जवाब में हूतियों ने इज़राइल पर अपने हमले तेज करने का ऐलान किया था। हूती विद्रोही खुद को फिलिस्तीनियों के समर्थन में बताते हैं और हमास की ओर से पिछले साल अक्टूबर में किए गए हमले के बाद से इज़राइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहे हैं।

गाजा में स्थिति और भी गंभीर

उधर इज़राइल और हमास के बीच जारी युद्ध में अब तक 64,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। रविवार को गाजा के एक स्कूल पर हुए हमले में कई बच्चे और महिलाएं मारे गए। इज़राइल का कहना है कि वह केवल आतंकियों को निशाना बना रहा है, लेकिन नुकसान आम नागरिकों को भी भारी पड़ रहा है।

भारत के लिए क्या संदेश है ? (India air defense readiness)

इस पूरे घटनाक्रम का भारत से भी जुड़ा एक अहम पहलू है। आज जब वैश्विक संघर्षों की चपेट में हवाई अड्डे, बंदरगाह और व्यावसायिक रूट भी आ रहे हैं, भारत को अपनी सुरक्षा नीति और नागरिक उड्डयन की तैयारियों पर दुबारा ध्यान देने की जरूरत है। भारत के भी कई एयरपोर्ट और समुद्री बंदरगाह संवेदनशील क्षेत्रों के पास स्थित हैं। इसके अलावा, भारत के लाखों नागरिक विदेशों में रहते हैं, जिनकी सुरक्षा एक अहम चुनौती है।

भारत के लिए खतरे का कनेक्शन और सतर्कता (Strategic implications for India)

  1. ड्रोन और हवाई हमलों का खतरा भारत के लिए भी बढ़ रहा है

जिस तरह हूती विद्रोहियों ने इज़राइल की एडवांस हवाई सुरक्षा प्रणाली को चकमा दिया है, वैसा खतरा भारत के संवेदनशील एयरपोर्ट और सैन्य ठिकानों पर भी हो सकता है।
उदाहरण: पंजाब, जम्मू-कश्मीर और भारत-पाक सीमा पर ड्रोन की घुसपैठ के कई मामले सामने आ चुके हैं।

  1. भारत के नागरिक और कंपनियां पश्चिम एशिया में सक्रिय हैं

यमन, सऊदी अरब, यूएई, इज़राइल जैसे देशों में हज़ारों भारतीय नागरिक काम कर रहे हैं। ऐसे हमलों से न सिर्फ उनकी सुरक्षा खतरे में है, बल्कि भारत की विदेश नीति और रेस्क्यू स्ट्रैटेजी पर असर पड़ता है।

  1. व्यापारिक मार्ग और समुद्री सुरक्षा पर असर

हूतियों ने रेड सी (लाल सागर) में भी जहाजों को निशाना बनाने की बात कही है।
भारत के 60% से ज़्यादा तेल और व्यापारिक जहाज इसी समुद्री मार्ग से गुजरते हैं।
ऐसे हमले भारत की व्यापारिक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) को प्रभावित कर सकते हैं।

  1. ड्रोन टेक्नोलॉजी के ख़तरनाक प्रयोग से सबक

हूतियों ने कम लागत वाले लेकिन सटीक निशाने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया, जो बड़े देशों की सुरक्षा प्रणालियों को भेद सकते हैं। भारत को भी अपने एयर डिफेंस सिस्टम, रडार, और ड्रोन डिटेक्शन तकनीक को अपग्रेड करना होगा।

  1. भारत की संतुलित विदेश नीति पर दबाव

भारत की इज़राइल से भी अच्छे रिश्ते हैं और अरब देशों से भी। इस संघर्ष में किसी एक का पक्ष लेने से भारत की राजनयिक स्थिति असंतुलित हो सकती है। इसलिए भारत को बहुत सावधानी से अपनी नीति तय करनी होगी।

साइबर सुरक्षा को मज़बूत करनी होगी

बहरहाल हूती हमले ने यह बात साफ कर दी है कि ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए अब सीमाओं को पार करना और हाई सिक्योरिटी जोन में हमला करना पहले से कहीं आसान हो गया है। भारत को इस घटना से सबक लेते हुए अपने हवाई अड्डों, समुद्री सीमाओं और साइबर सुरक्षा को मज़बूत करना होगा।