
UK India FTA (Image Source: Patrika)
India-UK Free Trade Agreement: भारत के पाकिस्तान के साथ तनाव(india pakistan tension )और ब्लैक आउट की खबरों के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत और ब्रिटेन ने बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (India UK FTA) और दोहरे योगदान समझौते पर हस्ताक्षर (Modi Keir Starmer trade deal) किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi) ने इस समझौते को "ऐतिहासिक मील का पत्थर" (historic FTA India Britain) बताते हुए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह "हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी (UK India strategic partnership) और गहरी करेगा और हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देगा"। मुझे अपने मित्र प्रधानमंत्री @Keir_Starmer से बात कर के बहुत खुशी हुई।
भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में दोहरे योगदान के संकल्प के साथ-साथ एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता सफलतापूर्वक पूरा किया है। ये ऐतिहासिक समझौते हमारे संबंध और मजबूत करेंगे… नरेंद्र मोदी (@narendramodi) 6 मई, 2025
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ गतिरोध के बीच देश में मौजूद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्रिटेन के समकक्ष सर कीर स्टारमर से टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। सरकार ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा है कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ गठबंधन मजबूत करना और व्यापार बाधाएं कम करना, एक मजबूत और अधिक सुरक्षित अर्थव्यवस्था प्रदान करने के लिए परिवर्तन की उनकी योजना का हिस्सा है।
बयान में कहा गया है कि "माल और सेवाओं के व्यापार को कवर करने वाले एक संतुलित, न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी एफटीए के समापन से द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि, रोजगार के नए अवसर पैदा होने, जीवन स्तर में सुधार और दोनों देशों के नागरिकों के समग्र कल्याण की दिशा में सुधार होने की उम्मीद है।" यह दोनों देशों के लिए वैश्विक बाजारों के लिए उत्पादों और सेवाओं को संयुक्त रूप से विकसित करने की नई संभावनाओं के मार्ग भी खोलेगा।
गौरतलब है कि दोनों देश पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल से ही मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगा, क्योंकि अधिकारियों ने भारतीयों के लिए वीजा मुद्दों, कारों और स्कॉच व्हिस्की जैसे यूके के निर्यात के लिए टैरिफ और यूके के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म या CABM - स्टील और उर्वरक जैसी कार्बन-गहन वस्तुओं पर कर सहित कई विवादास्पद बिंदुओं को सुलझाने का काम किया।
Published on:
06 May 2025 10:19 pm
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