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भारत में तेजी से बढ़ रहे पार्ट टाइम और कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स: 2027 तक 2.5 लाख करोड़ की होगी ठेके पर नौकरी वाली इंडस्ट्री

Contract Jobs in India: भारत में ठेके और पार्ट टाइम नौकरियों का बाजार 2027 तक ₹2.5 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 19, 2025

नौकरी (फोटो: IANS.)

नौकरी (फोटो: IANS.)

Contract Jobs in India: भारत में फ्लैक्सी स्टाफिंग यानि कॉन्ट्रैक्ट (Contract jobs in India) और अस्थायी कर्मचारियों की मांग तेजी से बढ़ रही (Part-time employment growth) है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2027 तक करीब 2.58 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। यह ग्रोथ सालाना 17.3 प्रतिशत की दर से हो रही है। इंडियन स्टाफिंग फैडरेशन (ISF) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फ्लैक्सी वर्कर्स (Temporary jobs in India 2027) की संख्या 2027 तक 91.6 लाख तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि 12.6 प्रतिशत की सालाना बढ़त के साथ यह सेक्टर आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट का नाम है: "इंडियन फ्लैक्सी स्टाफिंग इंडस्ट्री 2025: एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ - सेक्टर एंड स्टेट एनालिसिस।"

किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा फ्लैक्सी जॉब्स ?

भारत में लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज (BFSI) और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे ज्यादा फ्लैक्सी कर्मचारियों को नियुक्त कर रहे हैं। इन तीनों क्षेत्रों में 38 प्रतिशत कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ कार्यरत है। इसके अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर में बीते 5 वर्षों में फ्लैक्सी हायरिंग में सालाना 20% की तेजी देखी गई है। फिनटेक, आईटी, रिटेल, एजुकेशन और हैल्थकेयर जैसे 12 प्रमुख सेक्टर्स मिल कर कुल 80% फ्लैक्सी वर्कफोर्स को रोजगार देते हैं।

कौन-कौन से राज्य और शहर सबसे आगे ?

फ्लेक्सी वर्कफोर्स में महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना राज्यों की हिस्सेदारी लगभग 55% है। वहीं, कोयंबटूर, मैसूर, इंदौर, भोपाल और सूरत जैसे टियर-2 और टियर-3 शहर तेजी से हायरिंग हब बन रहे हैं।

युवा और महिलाएं बना रहे हैं नई पहचान

रिपोर्ट बताती है कि 71% फ्लैक्सी वर्कर्स 30 साल से कम उम्र के हैं। यानी युवा वर्ग इस रोजगार मॉडल को तेजी से अपना रहा है। वहीं महिलाओं की भागीदारी भी अब 26 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।

स्थायी लाभ दे रही हैं अस्थायी नौकरियां

आईएसएफ के अध्यक्ष लोहित भाटिया के अनुसार, अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में फ्लैक्सी जॉब करने वालों को मान्यता प्राप्त नौकरी, वेतन, बोनस और हैल्थ इंश्योरेंस जैसे लाभ भी मिलने लगे हैं। इससे देश में औपचारिक रोजगार (formal employment) को मजबूती मिल रही है।

फ्लैक्सी स्टाफिंग मॉडल की मांग बढ़ रही

बहरहाल जैसे-जैसे कंपनियां अपनी ऑपरेशनल लागत कम करना और स्किल्ड टैलेंट तक जल्दी पहुंचना चाहती हैं, वैसे-वैसे फ्लैक्सी स्टाफिंग मॉडल की मांग बढ़ती जा रही है। यह न सिर्फ रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है, बल्कि देश की आर्थिक तस्वीर भी बदल रहा है।