
पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (ANI)
India Pakistan Tensions: भारत ने पाकिस्तान को अपनी बयानबाजी (India Pakistan tensions)में संयम रखने की सलाह दी है और चेतावनी दी है कि किसी भी गलत कदम के “दर्दनाक परिणाम” होंगे। यह सख्त बयान पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की भारत को परमाणु धमकी (Nuclear threats India Pakistan) के बाद आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान की युद्धोन्मादी भाषा खतरनाक है और इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत को चेतावनी दी थी कि अगर भारत से उनके अस्तित्व को खतरा हुआ तो वे आधी दुनिया को तबाह कर सकते हैं। यह पहली बार था जब कोई पाकिस्तानी सेना प्रमुख अमेरिकी धरती से इस तरह की परमाणु धमकी दी। मुनीर ने सिंधु नदी के जल स्रोतों (Indus Water Treaty dispute)को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया और कहा कि जल संसाधन भारत की निजी संपत्ति नहीं हैं।
पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले को लेकर कड़ा विरोध जताया है। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि अगर भारत जल संधि को स्थगित रखता है तो पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जल स्रोतों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा।
पाकिस्तान ने भारत की नई जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर भी आपत्ति जताई है। इस्लामाबाद का कहना है कि ये परियोजनाएं सिंधु नदी पर उनके अधिकारों का उल्लंघन हैं और इससे उनकी जनता के लिए पानी की आपूर्ति खतरे में पड़ सकती है। भारत ने इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा लिया गया बताया, लेकिन भारत ने कभी भी उसकी वैधता को स्वीकार नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की बयानबाजी को उसकी आंतरिक विफलताओं से ध्यान हटाने का तरीका बताया है। भारत ने साफ किया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है और किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार है। प्रवक्ता ने कहा, “पाकिस्तान को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना होगा, अन्यथा उसके नतीजे बहुत दर्दनाक होंगे।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी भारत के खिलाफ कड़े बयान दिए हैं, जिनमें उन्होंने जल स्रोतों को रोकने की धमकी को गंभीर बताया है। दूसरी ओर, भारत के कुछ नेताओं ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया है। बॉलीवुड अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने पाकिस्तान को ब्रह्मोस मिसाइलों से जवाब देने की बात कही, जो एक असामान्य लेकिन जोरदार प्रतिक्रिया थी।
यह तनाव इस साल अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से रोक दिया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच बयानबाजी तेज हुई और कई बार सैन्य कार्रवाई के संकेत भी दिए गए। हालांकि मई में कुछ दिनों के लिए शत्रुता समाप्ति हुई, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी दुस्साहस को बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान को अपनी बयानबाजी पर नियंत्रण रखना चाहिए। दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे वार्ता और कूटनीति के रास्ते पर चलें ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और अनावश्यक तनाव से बचा जा सके। वर्तमान हालात में संयम और समझौता ही शांति की कुंजी हैं।
Updated on:
14 Aug 2025 08:06 pm
Published on:
14 Aug 2025 06:28 pm
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