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समंदर में भारत की ताकत: जेद्दा से रवाना हुए INS तमाल और INS सूरत, अब पाकिस्तान क्या करेगा ?

Indian Navy Warships Deployment: भारतीय नौसेना के दो अत्याधुनिक युद्धपोत INS तमाल और INS सूरत जेद्दा से रवाना हो गए हैं।

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भारत

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MI Zahir

Sep 01, 2025

Indian Navy Warships Deployment

जेद्दा से रवाना हुआ भारतीय युद्धपोत। (फोटो: ANI.)

Indian Navy Warships Deployment: भारत आकाश ही नहीं, पानी में भी सामरिक ताकत रखता है। भारतीय नौसेना के दो आधुनिक युद्धपोत INS तमाल (INS Tamal) और INS सूरत जेद्दा से आगे नई यात्रा पर निकल गए हैं। इससे पहले, ये दोनों जहाज (Indian Navy Warships) सऊदी अधिकारियों के साथ सैन्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल हुए। अब इनकी तैनाती अगले चरण में है, जिसमें हिंद महासागर और लाल सागर (Red Sea Naval Strategy) में सुरक्षा सहयोग की साझा रणनीतियाँ बनाने पर काम किया जाएगा। पानी की गहराइयों में गतिविधियों को देखकर पाकिस्तान की नौ सेना सजग (Maritime Security) हो सकती है। इसकी हरकतों पर नजर रखने के लिए वह शायद अपने जहाजों का गश्त बढ़ाये, खासकर अरब सागर में। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि दोनों देश रणनीतिक समन्वय और मिसाइल टैस्टिंग के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, भले ही अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

समुद्री सुरक्षा में टकराव की संभावना

पाकिस्तानी नौसेना ने पहले से ही विशेष अभ्यास किए हैं जो भारतीय उप-सतह गतिविधियों का सामना कर सकें। यह पहल INS तमाल जैसे शक्तिशाली जहाजों की मौजूदगी की प्रतिक्रिया हो सकती है। दोनों देशों के बीच समुद्री नियंत्रण और निगरानी जमीनी तनाव को बढ़ाये बिना क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा को मजबूत कर रही है।

रणनीतिक संतुलन की इक्वेशन में बदलाव

भारत के युद्धपोतों के इस अभियान से यह साफ़ होता है कि वह वैश्विक नौसैनिक मंच पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान maritime sovereignty की रक्षा के लिए अपनी रणनीति में बदलाव कर सकता है। दोनों निरंतर गश्त, और समुद्री संपर्कों पर नियंत्रण करें, यह सब बढ़ते तनाव के संकेत हैं, लेकिन रोक-टोक में भी सावधानी की जरूरत है।

भारत की समुद्री नीति में विस्तार की ओर इशारा

विश्लेषकों का कहना है कि भारत का यह कदम उसकी समुद्री नीति में मजबूती और रणनीतिक विस्तार की ओर अहम इशारा है। वहीं, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया न तो रक्षात्मक स्थिति दिखाती है, बल्कि यह यह दर्शाती है कि समुद्री क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे को टक्कर देने के लिए तैयार हैं, हालांकि टकराव से बचने की कोशिश भी हो रही है।

आगामी दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा:

क्या पाकिस्तान अपनी नौसेना और तटरक्षक अभियान तेज कर सकता है ?

क्या यह कदम हिंद महासागर में संयुक्त सुरक्षा समझौतों और बहुराष्ट्रीय अभ्यास की दिशा में ले जाता है ?

भारत इस अभियान के अगले हिस्से में क्या नया रणनीतिक संवाद शुरू करता है ?

व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा

हिंद महासागर क्षेत्र में तेल और मालवाहक जहाजों की सुरक्षा पर प्रभाव क्या पड़ेगा ?

बाहरी साझेदारों की भूमिका: अमरीका, सऊदी अरब और चीन जैसे देशों की प्रतिक्रिया या भागीदारी कैसी होगी ?

अंतरराष्ट्रीय नियम और मान्यताएं: समुद्री कानून की कसौटी पर…क्या यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं का सम्मान करती है ?