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कनाडा में निशाने पर भारतीय, दो शहरों के मेयर ने ट्रूडो सरकार से मांगी मदद

कनाडा के दो बड़े शहरों ब्रैम्पटन और सरे के मेयरों ने संघीय सरकार को पत्र लिखकर भारतीय और दक्षिण एशियाई समुदाय के खिलाफ हिंसात्मक हमलों की घटनाओं से निपटने के लिए मदद मांगी है।

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की विभाजनकारी राजनीति के चलते कनाडा में भारतीय और दक्षिण एशियाई समुदाय के खिलाफ हिंसात्मक हमलों की घटनाओं में भारी इजाफा देखा जा रहा। इतना ही नहीं, इस समुदाय के लोगों को जबरन वसूली की धमकियां मिल रही हैं। ये खतरा इतना बड़ा हो चुका है कि अब कनाडा के दो बड़े शहरों ब्रैम्पटन और सरे के मेयरों ने संघीय सरकार को पत्र लिखकर इससे निपटने के लिए मदद मांगी है। इतना ही नहीं, ओंटोरियो प्रांत में इस बढ़ते खतरे की गहराई से जांच के लिए एक टॉस्क फोर्स गठित की गई है। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन और सरे के मेयर ब्रेंडा लॉक ने इस सप्ताह कनाडा के जन सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक को लिखे एक पत्र में जबरन वसूली के प्रयासों और गोलीबारी समेत हिंसक घटनाओं की खतरनाक बढ़ोतरी पर गहरी चिंता जताई है। दोनों मेयरों ने संघीय सरकार से इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं से दक्षिण एशियाई समुदाय भारी खौफ के माहौल में जीने को मजबूर है। ऐसे हालात में मामले में कार्रवाई कर एक सख्त संदेश देने की जरूरत है।

निशाने पर हैं दक्षिण एशियाई समुदाय

दोनों मेयर ने पत्र में लिखा है कि दक्षिण एशियाई व्यापारी समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर ये हमले किए जा रहे हैं। मेयर्स ने कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) और पील क्षेत्रीय पुलिस सहित अन्य स्थानीय पुलिस विभागों ने भी स्थिति की गंभीरता को स्वीकारा है।

सोशल मीडिया से देते हैं धमकी

ओंटोरियो प्रांत में पील पुलिस ने हाल ही में एक्सटॉर्शन इन्वेस्टिगेटिव टास्क फोर्स के गठन के साथ त्वरित सहायता के लिए एक हॉटलाइन भी लॉन्च की है। यह टॉस्क फोर्स इस दक्षिण एशियाई समुदाय से जबरन वसूली की 16 घटनाओं से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रही है। पुलिस ने कहा है कि संदिग्ध अक्सर पीड़ित के नाम के साथ-साथ उनके फोन नंबर, पते और व्यावसाय की पूरी जानकारी रखते हैं और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनसे संपर्क करते हैं और हिंसा की धमकी देकर पैसे की मांग करते हैं।

संघीय सरकार से मांगी मदद

पत्र में कहा गया है कि इन अपराधों की जटिलता और इनकी अंतर-प्रांतीय, अंतर-राष्ट्रीय प्रकृति के चलते इससे निपटने के लिए प्रांतीय और संघीय अधिकारियों को मिलकर एक अधिक व्यापक रणनीति बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपके मंत्रालय के माध्यम से संघीय सरकार इस काम को शीघ्रता और सुगमता से अंजाम दे। इसके लिए संघीय पुलिस के संसाधनों और खुफिया क्षमताओं का लाभ उठाते हुए स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर हम इस मुद्दे से मजबूती से निपटने के लिए एक समन्वित रणनीति बना सकते हैं।

कनाडा के बाहर बैठे हैं अपराधी

दक्षिण एशियाई समुदाय पर हलमों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से देखने की जरूरत है, क्योंकि अगर इन्हें रोका नहीं गया तो ये दूसरे स्थानों पर फैल सकते हैं...जिसके पर्याप्त सबूत हैं। यह मसला जटिल और अंतर-राष्ट्रीय है, क्योंकि इसको अंजाम देने वाले आपराधिक संगठन देश के बाहर भी मौजूद हैं... हम अपने निवासियों को आतंकित किए जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते।

नेशनल बैंक ने दी चेतावनी

उधर, नेशनल बैंक ऑफ कनाडा ने चेतावनी दी है कि कनाडा आबादी के उस दुष्चक्र में फंस गया है, जो कि सामान्यतया विकासशील देशों में देखा जाता है। बैंक ने कहा है कि 2023 में कनाडा की आबादी में पहली बार 12 लाख की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कनाडा की जनसंख्या के हिसाब से यह 3 से 5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी। बैंक ने कहा है कि देश के पास ऐसा बुनियादी ढांचा और संसाधन नहीं है कि इतनी बढ़ी आबादी को समाहित करते हुए अपन देश के लोगों का जीवन स्तर सुधार पाए। रिपोर्ट के अनुसार, देश में जितने प्रवासी सालाना आते हैं, उनमें 30 फीसदी भारतीय होते हैं।

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