
आईएमएफ ने पाकिस्तान को जून तक कर्ज चुकाने का अल्टीमेटम दिया। (फोटो क्रेडिट:पत्रिका)
Pakistan: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इस्हाक डार (Ishaq Dar) ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार के दबाव को स्वीकार नहीं करेगा, चाहे वह दबाव कहीं से भी लागू किया गया हो। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आतंकवादियों पर काबू पाने का दबाव बनाता रहेगा। डार ने अपनी अमेरिकी यात्रा समाप्त करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) और अमेरिका के बीच अच्छे रिश्ते हैं। डार ने पाकिस्तान लौटने से पहले बताया कि यात्रा के दौरान उनका ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से कोई आधिकारिक संपर्क नहीं था। हालांकि डार ने यह भी खुलासा किया कि ग़ाज़ा की स्थिति, फ़िलिस्तीनी लोगों के पुनर्वास के लिए अमेरिकी प्रस्तावों के संबंध में चर्चा में करने के लिए 7 मार्च को ओआईसी (IOC )देशों के विदेश मंत्रियों की एक असाधारण बैठक जेद्दा में आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान, ईरान, मिस्र, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और तुर्की के विदेश मंत्रियों ने मौजूदा हालात पर चर्चा करने और ओआईसी (IOC) का रुख पेश करने के लिए तत्काल बैठक बुलाने का आह्वान किया है। डार ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की ओर से सीमा पार हमलों के बढ़ते मामलों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान ने अफ़ग़ान अंतरिम सरकार से बार-बार आतंकवादी संगठनों को काबू में रखने का आग्रह किया है, और इस मुद्दे पर उन पर दबाव बनाना जारी रखेगा।
उन्होंने अफ़ग़ान नेताओं को उनके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों की याद दिलाने के लिए काबुल जाने की योजना का खुलासा किया, ताकि पाकिस्तान के खिलाफ़ हमलों के लिए उनके क्षेत्र का उपयोग न होने दिया जाए। डार ने यह भी याद दिलाया कि 2018 में पाकिस्तान से आतंकवाद का खतरा लगभग समाप्त हो गया था, लेकिन टीटीपी के कई सेनानियों को देश में फिर से इसे प्रवेश करने की अनुमति देने के बाद इसके सर उठाने को पीटीआई सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
उधर द न्यूज ने शुक्रवार को रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के रेजिडेंट चीफ माहिर बिनीसी ने पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को कर्ज़ के बोझ और इस्लामाबाद की क्षमता के अनुसार राजस्व पैदा करने में असमर्थता से जोड़ा है। बिनीसी ने कहा कि पाकिस्तान में बड़ा राजकोषीय बोझ मुख्य रूप से इसलिए पैदा हुआ है, क्योंकि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो राष्ट्रीय खजाने में योगदान नहीं दे रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है जब वाशिंगटन स्थित ऋणदाता का एक समीक्षा मिशन 7 अरब डॉलर की विस्तारित निधि सुविधा (EFF) के तहत समीक्षा वार्ता आयोजित करने के लिए मार्च के पहले सप्ताह में पाकिस्तान का दौरा करने वाला है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने सितंबर 2024 में आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड से नए ऋण कार्यक्रम की मंजूरी ली थी, इसके बाद करीब 295.8 अरब रुपये की एक किस्त जारी की गई थी। आईएमएफ अधिकारियों के पाकिस्तान में रहने के दौरान पाकिस्तान को सन 2025-26 के लिए अगले बजट के प्रमुख मसलों पर ऋणदाता के कर्मचारियों के साथ व्यापक सहमति विकसित करनी होगी। अगर दोनों पक्ष सहमति बनाने में विफल रहते हैं, तो पहली समीक्षा को संसद से बजट की मंजूरी के साथ जोड़ा जा सकता है।
आईएमएफ समीक्षा मिशन का 4 मार्च को इस्लामाबाद का दौरा करने की उम्मीद है। ध्यान रहे कि पाकिस्तान को जनवरी 2025 में लगभग 121.8 अरब रुपये का घाटा हुआ था। पाकिस्तान के संघीय वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने पहले कहा था कि खुदरा क्षेत्र का पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 19% योगदान है, लेकिन उनका कर योगदान केवल 1% के आसपास ही है।
Updated on:
21 Feb 2025 04:54 pm
Published on:
21 Feb 2025 04:51 pm
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