
Israel-Hamas war: इजरायल और हमास के बीच गाजा में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते का अंतिम मसौदा कतर के वार्ताकारों ने दोनों पक्षों को सौंप दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है और जल्द ही युद्ध विराम की औपचारिक घोषणा हो सकती है। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से समझौते के अमल की बारीकियों पर अंतिम चर्चा जारी है। यह सहमति ऐसे समय बनी है जबकि अमरीका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने में मात्र एक सप्ताह शेष रह गया है।
पहले चरण में 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा। इनमें बच्चे, महिला सैनिक समेत महिलाएं और 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, घायल और बीमार लोग शामिल हैं। माना जा रहा है कि इनमें से ज़्यादातर जीवित हैं, लेकिन हमास की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यदि पहला चरण योजनानुसार आगे बढ़ता है, तो समझौते के प्रभावी होने के 16वें दिन, दूसरे चरण पर बातचीत शुरू होगी, जिसके दौरान शेष जीवित बंधकों - पुरुष सैनिकों और सैन्य आयु के पुरुषों को रिहा कर दिया जाएगा और मृत बंधकों के शव वापस कर दिए जाएंगे।
गाजा से सैन्य वापसी चरणबद्ध होगी, जिसमें इजरायली सेना सीमावर्ती कस्बों और गांवों की रक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में मौजूद रहेगा। इसके अलावा, गाजा के दक्षिणी किनारे पर फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इजरायली सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी। लेकिन समझौते के कुछ दिनों के बाद इजरायल इसके कुछ हिस्सों से वापस चला जाएगा।
निहत्थे उत्तरी गाजा निवासियों को वापस जाने की अनुमति दी जाएगी, साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा कि वहां कोई हथियार न ले जाया जा सके। इजरायली सैनिक मध्य गाजा में नेत्जारिम गलियारे से हट जाएंगे।
बंधकों की रिहाई के बदले में हत्या या जानलेवा हमलों के दोषी फिलिस्तीनी आतंकवादियों को भी रिहा किया जाएगा, लेकिन उनकी संख्या जीवित बंधकों की संख्या पर निर्भर करेगी। वेस्ट बैंक में कैदियों को नहीं छोड़ा जाएगा। 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमले में भाग लेने वाले हमास के लड़ाकों को रिहा नहीं किया जाएगा।
गाजा पट्टी में मानवीय सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जहां संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय निकायों ने चेतावनी दी है कि वहां की आबादी गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रही है।
गाजा का भावी शासनः इजरायल, यूएई और अमरीका में हुआ ऐसा प्रतीत होता है कि वार्ता के वर्तमान दौर में इस मुद्दे पर चर्चा ही नहीं की गई है, क्योंकि यह मुद्दा बहुत जटिल है। इस बात की संभावना है कि यह किसी सीमित समझौते तक ही सीमित रहेगा। इजरायल ने कहा है कि हमास इसमें कोई भूमिका नहीं निभा सकता है और उसने फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भागीदारी को अस्वीकार कर दिया है।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण तीन दशक पहले ओस्लो अंतरिम शांति समझौते के तहत स्थापित किया गया था, जो कब्जे वाले पश्चिमी तट में सीमित संप्रभुता का प्रयोग करता है। हालांकि, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमरीका के बीच एक अनंतिम प्रशासन पर चर्चा हुई है जो तब तक गाजा को चलाएगा जब तक कि एक सुधारित फिलिस्तीनी प्राधिकरण कार्यभार नहीं संभाल लेता।
Published on:
15 Jan 2025 08:20 am
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