Israel-Iran conflict: पश्चिम एशिया में तनाव शनिवार रात और बढ़ गया जब ईरान और इजरायल ने एक बार फिर एक-दूसरे पर मिसाइलें दागीं। बीते 48 घंटों में यह संघर्ष बेहद उग्र रूप ले चुका है, जिसमें अब तक 138 ईरानी नागरिकों और सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट और 20 से अधिक ईरानी सैन्य कमांडर शामिल हैं। वहीं, 350 से अधिक लोग घायल हैं।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया है कि उसने तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्रालय, परमाणु हथियार परियोजना के मुख्यालय और ईंधन भंडारण केंद्रों पर बड़े पैमाने पर 150 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं। IDF के मुताबिक, इन हमलों को वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने खुफिया इनपुट्स के आधार पर अंजाम दिया। तेहरान के साथ-साथ बुशहर समेत ईरान के कई अहम शहरों में 150 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ईरान ने पलटवार करते हुए लगभग 50 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दागीं। इजरायल की राजधानी तेल अवीव और बेन गुरियन एयरपोर्ट के पास जोरदार धमाके हुए। इसके चलते पूरे देश में सायरन बज उठे और लाखों लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागते नजर आए। इजराइल के गैलिली क्षेत्र में एक आवासीय इमारत पर मिसाइल गिरने से तीन महिलाओं की मौत हो गई।
ईरानी सैन्य प्रवक्ता ने घोषणा की है कि 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III' अब अपने अगले चरण में प्रवेश कर चुका है और इसका उद्देश्य इजरायली सैन्य क्षमताओं को पूरी तरह खत्म करना है। प्रवक्ता ने कहा कि हम पूरी दुनिया में आतंक फैलाने वाले ज़ायोनी शासन की शक्ति को एक-एक करके समाप्त कर रहे हैं।
ईरान की राजधानी समेत सात राज्यों में एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। वहीं, इजरायल ने भी अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है। क्षेत्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और गहराता है तो पूरे मध्य-पूर्व में गंभीर अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।
इस बीच, अमेरिका ने अपने नागरिकों को तत्काल ईरान छोड़ने की चेतावनी जारी की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ईरान में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है। यूएस वर्चुअल एंबेसी ने स्पष्ट किया कि अमेरिका और ईरान के बीच कोई राजनयिक संपर्क नहीं है, ऐसे में जरूरत पड़ने पर अमेरिका मदद नहीं कर पाएगा।
Updated on:
15 Jun 2025 08:12 am
Published on:
15 Jun 2025 07:22 am