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Israel-Iran War: ‘सद्दाम हुसैन जैसा हश्र होगा’, इजरायल ने ईरान के सुप्रीम लीडर को दी धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के युद्ध को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच स्थायी समाधान चाहते हैं।

भारत

Ashib Khan

Jun 17, 2025

Benjamin Netanyahu and Ali Khamenei
इजरायल ने खामेनेई को दी धमकी

Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच तनाव हाल के दिनों में चरम पर पहुंच गया है और इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योआव कात्ज द्वारा ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को दी गई धमकी ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। कात्ज ने कहा कि यदि ईरान अपनी आक्रामक नीतियों को जारी रखता है, तो खामेनेई का अंत इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन की तरह हो सकता है। सद्दाम की तरह खानमेई को ईरान में ईरान के ही लोग फांसी पर लटकाएंगे।

इजरायल ने ईरान पर किए हमले

इजरायल ने हाल ही में ईरान के सैन्य ठिकानों, परमाणु वैज्ञानिकों और कमांडरों पर हमले तेज किए हैं, जिसमें ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख हुसैन सलामी की मौत भी शामिल है। 

स्थायी समाधान चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के युद्ध को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच स्थायी समाधान चाहते हैं। जी7 शिखर सम्मेलन लौटने के बाद कहा कि मैं युद्ध विराम की उम्मीद नहीं कर रहा हूं। हम युद्ध विराम से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं।

एंकर को किया गया सम्मानित

बता दें कि सोमवार को ईरान की सरकारी चैनल की एंकर सहर इमामी बुलेटिन पढ़ रही थी तभी इजरायल ने मिसाइल दाग दागीं थी। हालांकि इसके कुछ समय बाद ही दोबारा से चैनल लाइव हो गया। वहीं तेहरान के वेलियासर स्क्वायर पर सहर इमामी का एक बड़ा बैनर फहराया गया है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीर में इमामी को विरोध में अपनी उंगली उठाए हुए दिखाया गया है, साथ ही फारसी कवि फिरदौसी की एक कविता भी है जिसमें उन्होंने "युद्ध के मैदान में" महिलाओं की बहादुरी की प्रशंसा की है।

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सद्दाम हुसैन के साथ क्या हुआ था

सद्दाम हुसैन को इराक की एक विशेष अदालत ने 1982 में दुजैल नरसंहार के लिए दोषी ठहराया था। इस नरसंहार में 148 शिया मुसलमानों की हत्या के लिए उन्हें जिम्मेदार माना गया, जो उनके खिलाफ एक हत्या के प्रयास के जवाब में किया गया था।

इसके अलावा, उन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन, कुर्दों और शियाओं के खिलाफ अत्याचार, और अन्य युद्ध अपराधों के आरोप भी थे। 2003 में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा इराक पर आक्रमण के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। मुकदमे के बाद, 5 नवंबर 2006 को उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई, और 30 दिसंबर 2006 को बगदाद में फांसी दे दी गई।