इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच काफी समय से तनाव रहा है, जो इज़रायल के फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) और लेबनान (Lebanon) के आतंकी संगठन हिज़बुल्लाह (Hezbollah) के खिलाफ युद्ध के बाद और बढ़ गया। दरअसल ईरान लंबे समय से इन दोनों आतंकी संगठनों का बड़ा मददगार रहा है और इस वजह से इन दोनों के खिलाफ युद्ध ने ईरान की नाराज़गी बढ़ा दी। हालांकि अब इज़रायल ने इन दोनों आतंकी संगठनों के सभी मुख्य आतंकियों और अधिकारियों को मार गिराया है और दोनों संगठनों को भी खोखला कर दिया है। अब इज़रायल, ईरान के खिलाफ कुछ ऐसा करने की सोच रहा है जिससे मिडिल ईस्ट (Middle East) में भारी तबाही मच सकती है।
सूत्रों के अनुसार इज़रायल, ईरान में मिलिट्री ऑपरेशन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इज़रायली सेना काफी समय से इसकी तैयारी कर रही थी और अब उनकी तैयारी पूरी हो गई है।
सूत्रों के अनुसार इज़रायल ने अपने इस प्लान के बारे में अमेरिका (United States Of America) को भी सूचना दे दी है। गौरतलब है कि अमेरिका लंबे समय से इज़रायल का समर्थक रहा है। हमास के खिलाफ भी अमेरिका ने इज़रायल को ज़रूरी मदद मुहैया कराई। वहीं दूसरी ओर अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से खराब संबंध रहे हैं। हालांकि दोनों देश परमाणु समझौते को लेकर एक-दूसरे से वार्ता कर रहे हैं।
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इसी बीच अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने तीन दूतावासों से अपने कई कर्मचारियों को परिवार समेत देश छोड़कर वापस आने के लिए कहा है। इनमें इराक (Iraq) के बगदाद (Baghdad) में स्थित दूतावास के साथ ही कुवैत (Kuwait) और बहरीन (Bahrain) में स्थित दूतावास भी शामिल हैं।
अगर इज़रायल ने ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई की, तो इसका असर अमेरिका पर भी पड़ेगा। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि कैसे? इज़रायल के हमला करने पर न सिर्फ ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा, बल्कि इराक में स्थित अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर भी हमला कर सकता है।
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अगर इज़रायल ने ईरान के खिलाफ किसी भी तरह का मिलिट्री ऑपरेशन शुरू किया, तो इससे मिडिल ईस्ट में टेंशन का बढ़ना तय है। ईरान पहले कई मौकों पर साफ कर चुका है कि अगर इज़रायल ने उस पर हमला किया, तो ईरान की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में इस बात की संभावना इनकार नहीं किया जा सकता कि ईरान की सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। इतना ही नहीं, अगर ईरान ने इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमला किया, तो अमेरिकी सेना की टुकड़ी भी ईरान के खिलाफ इज़रायल का साथ दे सकती है और ऐसे में एक और युद्ध छिड़ने की आशंका जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ, तो काफी तबाही मचेगी।
पिछले कुछ समय से इस बात की भी अटकलें चल रही हैं कि इज़रायल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। अगर इज़रायल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता है, तो 10,000-20,000 लोगों की तो शुरुआत में ही मौत हो सकती है। बाद में परमाणु रेडिएशन से कई लाख लोगों की मौत होने का खतरा है। ईरान के पास परमाणु रेडिएशन को रोकने का भी कोई पुख्ता तरीका नहीं है। ऐसा करने पर युद्ध और भी गंभीर हो सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत (India) के इज़रायल और ईरान, दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं। आतंकवाद के खिलाफ जंग में इज़रायल और ईरान, दोनों ने ही भारत को समर्थन दिया है।
Updated on:
12 Jun 2025 02:44 pm
Published on:
12 Jun 2025 11:34 am