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कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद भारत के लिए अगले 6-8 महीने बहुत कठिन, जानिए कैसे ?

Jammu Kashmir Haryana elections: हरियाणा और कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद भारत के लिए आगामी कुछ महीने बहुत मुश्किल वाले हो सकते हैं। राजनीतिक उथल पुथल से शेयर बाजार भी प्रभावित हो सकता है। अमे​रिका में रह रहे भारतवंशियों की ऐसी राय है।

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kashmir haryana chunav

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Jammu Kashmir Haryana elections: भारत के हरियाणा और कश्मीर में विधानसभा चुनाव परिणाम आने ही वाले हैं। प्रवासी भारतीय, एनआरआई फाउंडेशन अमरीका ( NRI Federation USA) के चेयरमैन दीपक कावड़िया ने हरियाणा और कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम के मददेनज़र प्रवासी भारतीयों के नजरिये से सीधे अमेरिका से बताया कि भारत के लिए (Indian election observation) अगले 6-8 महीने बहुत कठिन रहने वाले हैं। ये भारत के राजनीतिक माहौल में बड़े बदलाव ला सकते हैं। वहीं शेयर और वित्तीय बाज़ारों को भी बड़ा झटका लग सकता है। उन्होंने बताया कि एनआरआई (NRI News in Hindi)अभी भी भाजपा और पीएम मोदी के पक्ष में हैं, लेकिन अभी ऐसा लग रहा है कि हरियाणा और कश्मीर ( jammu kashmir election result ) में मौजूदा चुनाव कांग्रेस के पक्ष में हैं। पिछले आम चुनाव के बाद से भाजपा अपनी जमीन खो रही है और सत्ता विरोधी लहर और किसान आंदोलन के कारण, जिसे भाजपा ने बुरी तरह से संभाला था, वह जमीनी समर्थन खो रही है।

दीपक कावड़िया ( Deepak Kavadia) ) का कहना है कि हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा सीटें भाजपा के जनाधार ( haryana election result 2024) का भी फैसला करेंगी। वहीं जम्मू कश्मीर में 370 हटने के बाद पहली बार हुए चुनाव से बनने वाली नई सरकार के सामने कई चुनौतियां होंगी ( jammu kashmir election result 2024 )। क्योंकि कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए हैं और आतंकवाद से मुकाबला पहली चुनौती है।

दीपक कावड़िया का आकलन

राजनीतिक माहौल: यदि कांग्रेस को इन चुनावों में सफलता मिलती है, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। इससे सत्ता विरोधी लहर को और बल मिलेगा, जिससे भाजपा को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

आर्थिक प्रभाव: राजनीतिक अस्थिरता के चलते शेयर और वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। निवेशकों का विश्वास कम होने से पूंजी बाजार में गिरावट आ सकती है।

किसान आंदोलन: किसान आंदोलन का प्रभाव अभी भी महसूस किया जा रहा है, और यदि सरकार इसके समाधान में विफल रहती है, तो यह भाजपा के लिए और कठिनाई बढ़ा सकता है।

समर्थन का गिरना: भाजपा की पिछले आम चुनावों में मिली सफलता के बाद से जनता का समर्थन कम हो रहा है, जिससे पार्टी को अपनी राजनीतिक रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।

दीपक कावड़िया : एक नज़र

सात समंदर पार रह कर भारत का नाम रोशन करने वाले प्रवासी भारतीय हर देश में हैं। उनमें से एक प्रमुख नाम है दीपक कावड़िया। वे प्रवासी भारतीयों की सबसे बड़े संगठन एनआरआई फैडरेशन यूएसए के संस्थापक हैं। यह दुनिया भर में एनआरआई का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े संघों में से एक हैं। उन्होंने हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर उनसे राजस्थान में एक एनआरआई भवन का निर्माण करने के लिए समर्थन मांगा है।

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