
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो- IANS)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) से पत्रकार (Journalist) ने रूस और व्लादिमीर पुतिन (Putin) को लेकर चुभता हुआ सवाल पूछा। पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि रूस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया? इस पर ट्रंप ने भड़कते हुए कहा कि आपको कैसे पता कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? क्या आप कहेंगे कि चीन के बाद सबसे बड़े खरीदार भारत पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाना लगभग बराबर है? क्या आप कहेंगे कि कोई कार्रवाई नहीं हुई? उन्होंने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने से मॉस्को को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। रूस पर द्वितीय और तृतीय चरण के प्रतिबंध को लेकर भी काम चल रहा है। आप दूसरी ढूंढ लें।
ओवल ऑफिस में पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत को स्पष्ट चेतावनी दी गई थी। यदि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखता है तो उन्हें समस्याएं होंगी। अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के कारण 25 फीसदी अतिरिक्ट टैरिफ लगाया है। भारत पर कुल 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ लागू है।
वहीं, जब उनसे चीन के विक्ट्री परेड के दौरान पुतिन, किम जोंग उन और शी जिनपिंग की केमेस्ट्री को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने एक बार फिर भारत का राग अलापा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाया है। हम अन्य मामलों में भी विचार कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत, दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाला देश था। अब भारत ने टैरिफ नहीं लगाने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, फ्रांस में पूर्व भारतीय राजदूत और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में जडेजा मोटवानी इंस्टीट्यूट फॉर अमेरिकन स्टडीज के महानिदेशक, मोहन कुमार ने ट्रंप प्रशासन के इस दावे का खंडन किया है।
मोहन कुमार ने कहा कि अमेरिका द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समझौतों के तहत उसकी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि भारत का व्यापार-भारित टैरिफ "सम्मानजनक 4.6 प्रतिशत" है, जबकि साधारण औसत टैरिफ लगभग 16 प्रतिशत है। मोहन कुमार ने कहा कि भारत अपने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र में उच्च टैरिफ रखता है। भारत की कोई भी सरकार कृषि सेक्टर में टैरिफ को कम नहीं करेगी। यह उसके लिए आत्महत्या के समान होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर जोर देते हुए कहा है कि बाहरी दबाव में घरेलू प्राथमिकताओं से समझौता नहीं किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे। भारत सरकार किसानों, पशुपालकों के हितों से समझौता नहीं करेगी।
Published on:
04 Sept 2025 08:54 am
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