
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। फोटो- (IANS)
खालिस्तानी हिंसक चरमपंथी समूहों सहित कई आतंकवादी संस्थाओं को हिंसा से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कनाडा से वित्तीय सहायता मिलती रहती है। कनाडा ने खुद इस बात का दावा किया है।
दरअसल, कनाडा के वित्त विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन सहित कुछ खालिस्तानी समूहों को राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (पीएमवीई) की श्रेणी में रखा गया है।
इन आतंकी समूहों पर अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए गैर-लाभकारी और धर्मार्थ क्षेत्रों सहित वित्तपोषण नेटवर्क का शोषण करने का संदेह है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध हमास, हिज़्बुल्लाह और खालिस्तानी हिंसक चरमपंथी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल व इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे कई आतंकवादी संगठन पीएमवीई श्रेणी में आते हैं।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि जांच से यह पता चला है कि कनाडा में यह सभी आतंकी संगठन कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त करते आए हैं। बता दें कि खालिस्तानी आतंकी पंजाब को अलग देश बनाने के इरादे से हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं।
गौरतलब है कि कनाडा की वित्तीय खुफिया एजेंसी, FINTRAC ने अपने 2022 ऑपरेशनल अलर्ट में, हिज़्बुल्लाह को कनाडा से धन प्राप्त करने वाला दूसरा सबसे अधिक बार पहचाना जाने वाला अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह बताया था।
इससे पहले, कनाडा की प्रमुख खुफिया एजेंसी, कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (सीएसआईएस) ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि खालिस्तानी चरमपंथी भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत वर्षों से कनाडा की धरती से सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों के बारे में चिंताएं जताता रहा है, लेकिन कनाडा ने इस मुद्दे पर अपनी आंखें मूंद ली हैं।
सीएसआईएस की रिपोर्ट यह तक कहा गया था कि कनाडा भारत-विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। अब एक और रिपोर्ट ने कनाडा की फिर से टेंशन बढ़ा दी है।
Published on:
06 Sept 2025 01:05 pm
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