
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)
नेपाल में अवैध किडनी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। नेपाल पुलिस के मानव तस्करी निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस रैकेट के सरगना 38 वर्षीय श्याम कृष्ण भंडारी और उसके साथी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग नेपाली नागरिक हैं।
भंडारी पिछले पांच सालों से किडनी रैकेट में शामिल था। बताया जा रहा है कि भंडारी ने नेपाल के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से लगभग 100 नेपाली नागरिकों को दिल्ली भेजा था, जहां निजी क्लीनिकों उनकी किडनी निकाली गई।
बता दें कि काठमांडू और दिल्ली के बीच अवैध किडनी प्रत्यारोपण रैकेट चलाने के आरोप में पहले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने भंडारी और उसके साथी सुजान भारती पर शिकंजा कसा। दोनों को बीरगंज में नेपाल-भारत सीमा से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अनुसार, भंडारी और उसके साथी नेपाली नागरिकों को उनकी किडनी के बदले 6 लाख नेपाली रुपये देते थे। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि भंडारी दिल्ली में किडनी रैकेट चलाने के लिए भारत के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था।
अवैध किडनी रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ मानव तस्करी विरोधी अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जिसके तहत अधिकतम 5 लाख नेपाली रुपये का जुर्माना और 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।
बता दें कि बिहार पुलिस ने गुरुवार को राज्यव्यापी हाई अलर्ट जारी किया था। खुफिया जानकारी में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों के नेपाल सीमा के रास्ते राज्य में प्रवेश करने की बात कही गई थी।
बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तीन संदिग्ध आतंकवादी - हसनैन अली (रावलपिंडी), आदिल हुसैन (उमरकोट) और मोहम्मद उस्मान (बहावलपुर) कथित तौर पर अगस्त के मध्य में काठमांडू पहुंचे और पिछले हफ्ते बिहार में प्रवेश कर गए।
सूचनाओं के आधार पर, पुलिस ने मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, अररिया, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण के साथ-साथ किशनगंज सहित सीमावर्ती जिलों में संदिग्धों के पासपोर्ट विवरण प्रसारित कर दिए हैं।
Published on:
01 Sept 2025 07:38 am
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