
PM Narendra Modi and Mohamed Muizzu
भारत (India) और मालदीव (Maldives) के बीच चल रहा विवाद कौन भूल सकता है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने 'इंडिया आउट' अभियान चलाकर भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने का रास्ता बनाया। इसी वजह से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ था और संबंधों में खटास भी पड़ी।10 मई 2024 तक सभी भारतीय सैनिक मालदीव छोड़ देंगे जिनकी जगह भारत के योग्य टेक्निकल स्टाफ को तैनात किया जाएगा जो सेना के ज़रूरी काम को आगे बढ़ाएगा। इतना ही नहीं, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लक्षद्वीप (Lakshadweep) दौरे और लक्षद्वीप का प्रचार करने पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारतीयों के बारे में विवादित टिप्पणी दी थी। फिर भी मुइज्जू ने विवादित टिप्पणी का विरोध नहीं किया। पर अब लगता है कि मुइज्जू की अकड़ निकल गई है। हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत से लिए उधार को चुकाने में राहत की मांग की है।
3300 करोड़ के उधार को चुकाने में की राहत की मांग
भारत लंबे समय से मालदीव का सबसे बड़ा मददगार रहा है। ऐसे में भारत ने आर्थिक रूप से भी मालदीव की मदद की है। इस समय मालदीव पर भारत से लिया बड़ा उधार बकाया है, जिसकी राशि 400.9 मिलियन डॉलर्स है, जिसकी भारतीय करेंसी में वैल्यू करीब 3300 करोड़ रुपये है। मालदीव को यह उधार इस साल के अंत तक चुकाना है। ऐसे में मुइज्जू ने इस उधार को चुकाने में राहत की मांग की है।
भारत को बताया सबसे करीबी सहयोगी
जो मुइज्जू कुछ समय पहले तक भारत का पुरजोर विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे, वह अब भारत को मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बता रहे हैं।
मुइज्जू ने की भारत की तारीफ
जो मुइज्जू 'इंडिया आउट' अभियान चलाकर भारतीय सेना को मालदीव से निकालने के लिए आवाज़ उठाते रहे हैं, अब वह भारत की तारीफ कर रहे हैं। मुइज्जू ने कहा कि भारत की मालदीव को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और भारत ने ही मालदीव में सबसे ज़्यादा संख्या में प्रोजेक्ट्स क्रियान्वित किए हैं।
Published on:
23 Mar 2024 01:47 pm
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