
Earthquake in Myanmar
म्यांमार में 28 मार्च को देश के इतिहास का सबसे घातक भूकंप (Myanmar Earthquake) आया, जिसने तबाही मचा दी। इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.7 रही और गहराई 10 किलोमीटर। यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 50 मिनट (लोकल समयानुसार 12 बजकर 50 मिनट) पर आया और इसके आते ही हाहाकार मच गया। भूकंप के केंद्र वाले स्थान के साथ ही आसपास के कई इलाकों में भी इस भूकंप का असर महसूस किया गया। इतना ही नहीं, म्यांमार में आए भूकंप का घातक झटका थाईलैंड (Thailand) में भी आया, जिससे वहाँ भी जान-माल का नुकसान हुआ। इसके अलावा भारत (India), नेपाल (Nepal), चीन (China) और वियतनाम (Vietnam) में भी म्यांमार में आए भूकंप का असर महसूस किया गया। भूकंप के कारण म्यांमार में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। म्यांमार में भूकंप से सिर्फ जान का ही नहीं, माल का भी नुकसान हुआ। कई घरों-इमारतों, व्हीकल्स और सड़कों को इस भूकंप की वजह से भारी नुकसान हुआ। अभी भी देश में रह-रहकर आफ्टरशॉक्स आ रहे हैं।
म्यांमार में भूकंप से अब तक 3,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बात की जानकारी देश की सेना ने दी, जिसे म्यांमार जुंटा भी कहते हैं। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि 6 दिन पहले देश में आए भूकंप की वजह से अब तक 3,085 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। मृतकों की संख्या में अभी और इजाफे की आशंका भी जताई जा रही है। थाईलैंड में भी इस वजह से करीब 36 लोगों की मौत हो चुकी है।
म्यांमार जुंटा के प्रवक्ता के अनुसार इस भूकंप की वजह से 4,715 लोग घायल हो चुके हैं। हज़ारों घायलों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से कई लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
भूकंप की वजह से म्यांमार में 341 लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू टीम जुटी हुई हैं और इन्हें ढूंढने की पूरी कोशिश कर रही है।
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म्यांमार में भूकंप के बाद स्थिति को देखते हुए सेना (जुंटा) से विद्रोहियों से चल रहे संघर्ष में सीज़फायर का ऐलान कर दिया है। यह फैसला इसलिए उठाया गया जिससे राहत कार्य में कोई परेशानी न हो।
म्यांमार में मुस्लिम आबादी भी रहती है। जिस समय देश में भूकंप आया, उस समय बड़ी संख्या में लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ रहे थे। तभी अचानक भूकंप के झटके से हाहाकार मच गया। करीब 700 लोगों की नमाज पढ़ने के दौरान ही मौत हो गई थी। करीब 60 मस्जिदें भी भूकंप की वजह से ध्वस्त हो गईं।
Updated on:
03 Apr 2025 11:46 am
Published on:
03 Apr 2025 11:41 am
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