
India and Myanmar flags
म्यांमार में सेना (म्यांमार जुंटा) और विद्रोही गुटों के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष रुकने की जगह गंभीर होता जा रहा है। इस हिंसा की वजह से म्यांमार में स्थिति काफी बिगड़ गई है। म्यांमार में विद्रोही गुटों की बगावत से सैन्य शासन को चुनौती भी मिल रही है। ऐसे में दोनों पक्ष एक- दूसरे पर हमले कर रहे हैं। म्यांमार हिंसा में अब हवाई हमले भी शुरू हो गए हैं। म्यांमार भारत का पड़ोसी देश है ऐसे में म्यांमार में चल रही हिंसा का असर भारत पर भी पड़ना शुरू हो गया है। आइए जानते हैं इस हिंसा का क्या असर भारत पर पड़ेगा।
बढ़ रही है शरणार्थियों की संख्या
म्यांमार में हिंसा के चलते वहाँ से भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 6,000 लोग म्यांमार से भारत की बॉर्डर पार करके मिज़ोरम आ गए हैं और जान बचाने के लिए शरण ले ली है। पर सिर्फ म्यांमार के सामान्य लोग ही नहीं, हाल ही में 42-45 म्यांमार सैनिक भी अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गए, जहां उन्हें मिजोरम में सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया।
भारत ने बढ़ाई बॉर्डर पर सुरक्षा
भारतीय राज्य मिज़ोरम के 6 जिलों की बॉर्डर मिज़ोरम से जुड़ती है। ये जिले चम्फाई, सियाहा, लांग्टलाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल हैं और इनकी 510 किलोमीटर लंबी बॉर्डर म्यांमार से जुडी हुई है। ऐसे में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले नागरिकों पर नज़र बनाए रखने और सैनिकों को रोकने के लिए भारत ने बॉर्डर पर सुरक्षा और बढ़ा दी है।
क्या पूर्वोत्तर में बढ़ सकता है तनाव?
म्यांमार से मिज़ोरम में शरणार्थियों की आमद, साथ ही चिन जातीय समूह और मणिपुर में कुकी के बीच घनिष्ठ जातीय संबंधों के कारण भारत के पूर्वोत्तर में तनाव फैलने की चिंता बढ़ गई है। म्यांमार के सागांग क्षेत्र में सक्रिय मणिपुर के मैतेई उग्रवादी समूहों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। ऐसे में मणिपुर पर इसका प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें- अमेरिका ने फिर किए सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले, 7 लोगों को मार गिराया
Published on:
16 Nov 2023 09:43 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
