
सुशीला कार्की (फोटो- एक्स अकाउंट @RONBupdates)
Nepal Protest: नेपाल में अंतरिम सरकार के लिए मंत्रियों के नाम तय हो गए हैं। राष्ट्रपति राम चंद्र पडौल के पास चार नाम भेजे गए हैं। ओमप्रकाश अर्याल, रामेश्वर खनाल, कुलमान घीसिंग और बालानंद शर्मा, सुशीला कार्की की सरकार में मंत्री बन सकते हैं। पीएम सुशीला कार्की के निकटवर्ती लोगों ने कहा कि अन्य मंत्रियों के नामों पर चर्चा बाद में की जाएगी। संभावना है कि चारों नेता आज यानी सोमवार 15 सितंबर को मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
ओम प्रकाश आर्यल: नेपाली सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील ओम प्रकाश आर्यल देश के नए गृहमंत्री हो सकते हैं। वह सुशीला कार्की के बेहद करीबी माने जाते हैं। केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ उन्होंने 50 से अधिक जनहित याचिका दायर की थी। ये सभी याचिका भ्रष्टाचार, पुलिस सुधार और नागरिक अधिकारों से जुड़ी थीं।
रामेश्वर खनाल: खनाल को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है। रामेश्वर खनाल देश के पूर्व वित्त सचिव रह चुके हैं। आर्थिक मामलों की अच्छी समझ रखने वाले खनाल को आर्थिक सुधारों का पक्षधर माना जाता है। उन्होंने नेपाल में कई बार बजट सुधार, टैक्स प्रणाली में बदलाव और FDI को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
कुलमान घीसिंग: घीसिंग नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व महानिदेशक रह चुके हैं। उन्हें नेपाल में ऊर्जा क्रांति के लिए जाना जाता है। अपने कार्यकाल के दौरान घीसिंग ने लोडशेडिंग समाप्त की। जलविद्युत परियोजनाओं को गति मिली। इसके साथ ही, उन्होंने नेपाल-भारत के बीच ऊर्जा समझौते में उनकी अहम भूमिका रही, जिसके तहत अगले 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली व्यापार का समझौता संभव हुआ। वह राज्य के नए ऊर्जा मंत्री बनाए जा सकते हैं।
बालानंद शर्मा: नेपाली सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल बालानंद शर्मा देश के अगले रक्षामंत्री हो सकते हैं। शर्मा ने माओवादी लड़ाकों के नेपाली सेना में समायोजन (इंटीग्रेशन) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2006 के शांति समझौते के बाद यह प्रक्रिया संवेदनशील रही। बालानंद शर्मा की सैन्य पृष्ठभूमि नेपाल की रक्षा नीतियों को स्थिरता प्रदान करेगी।
इसके साथ ही पारस खड़का जोकि नेपाली क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं। वह देश के अगले खेल मंत्री हो सकते हैं। साथ ही, असीम मान सिंह बस्नेत को यातायात मंत्री बनाया जा सकता है।
बता दें कि नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में तब शपथ लिया था। उन्होंने कहा था कि वह छह महीने से ज्यादा सरकार में नहीं रहेंगी। जल्द ही चुनाव कराकर वह सत्ता नई सरकार को सौंप देंगी। दरअसल, भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के कारण Gen-Z ने 8 सितंबर को केपी शर्मा ओली सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इसके कारण ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
Published on:
15 Sept 2025 06:51 am
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