
भारतीय लोगों के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी (Photo-IANS)
Nepal Political Crisis: नेपाल इस समय एक बड़े राजनीतिक संकट (Nepal Political Crisis) से गुजर रहा है। देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, खासतौर पर युवा पीढ़ी (Gen Z) सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा (Oli Resignation Nepal) देना पड़ा है। इसके साथ ही कई बड़े नेताओं के घरों पर हमले भी हुए हैं। जानकारी के अनुसार नेपाल में करीब 7 लाख से 8.4 लाख भारतीय प्रवासी (Indian Migrants in Nepal) रह रहे हैं। ये लोग व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा और निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं। इनका बड़ा हिस्सा काठमांडू, बिरगंज, पोखरा, बुटवल और नेपालगंज जैसे शहरों में रहता है। भारत और नेपाल के (Nepal Protest 2025) बीच खुले बॉर्डर की वजह से यह आवाजाही लंबे समय से जारी है।
नेपाल के हालात अस्थिर होने से वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की चिंता बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंदी और सख्त सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं। इससे रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित हुई है। व्यापार में मंदी, आवागमन में रुकावट और सामाजिक असुरक्षा की भावना पैदा हुई है।
भारत की सीमा नेपाल से लगती है और यह सीमा पांच राज्यों – बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और सिक्किम – में फैली है। इन राज्यों के 30 से ज्यादा जिले नेपाल से सीधे जुड़े हैं। इनमें महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर (UP), सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल (बिहार) जैसे जिले शामिल हैं। नेपाल में तनाव बढ़ने के साथ इन सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इन सीमावर्ती जिलों के लोग नेपाल से व्यापार, रिश्तेदारी और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जुड़े हुए हैं। नेपाल में चल रहे संकट से उनका जीवन भी प्रभावित हो रहा है। बॉर्डर पर आवाजाही कम हो गई है और व्यापारी वर्ग को घाटा हो रहा है। छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
काठमांडू में पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र ने बताया, “कॉलेज बंद हैं, नेटवर्क काम नहीं कर रहा और बाहर निकलने से डर लग रहा है। भारतीय दूतावास से अपडेट ले रहे हैं।”
नेपाल में भारतीय दूतावास की अगली एडवाइजरी क्या होगी?
क्या भारतीयों को निकालने की तैयारी है?
नेपाल की सीमा से लगे BSF और SSB कैंपों में क्या तैयारी हो रही है?
नेपाल-भारत के बीच खुली सीमा: संकट में वरदान या खतरा?
नेपाल के युवा आंदोलन का असर भारत की छात्र राजनीति पर?
क्या नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग भारत को प्रभावित करेगी?
सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी, नकली करेंसी और अपराध फिर बढ़े तो?
भारत सरकार ने हालिया राजनीतिक संकट और 'Gen Z' प्रदर्शनों को लेकर नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
MEA (विदेश मंत्रालय) की तरफ से कहा गया है कि वे घटनाक्रम पर नज़दीकी नजर बनाए हुए हैं, और किसी भी भारत-नेपाल सीमा पार रहने वाले नागरिकों को सावधानी बरतने को कहा गया है।
साथ ही भारत ने नेपाल यात्रा को स्थगित करने की सलाह भी जारी की है, और दूतावास ने इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर प्रदान किए हैं ताकि भारत के नागरिक किसी भी स्थिति में सहायता ले सकें।
भारत सरकार ने नेपाल में जारी हालात पर गहरी चिंता जताते हुए अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे नेपाल की यात्रा को फिलहाल टालें। जो भारतीय वहां पहले से हैं, उन्हें घर के भीतर ही रहने, स्थानीय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने और नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क में रहने की सलाह दी गई है।
भारत सरकार ने नेपाल में रह रहे अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। भारतीय दूतावास स्थिति पर नज़र रखे हुए है और कहा गया है कि किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करें। भारत सरकार ने कहा है कि वह नेपाल में बीते कल से चल रही घटनाओं पर करीबी नजर बनाए हुए है। मंत्रालय ने आंदोलन के दौरान कई युवाओं की मौत पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। इसके साथ ही नेपाल में रह रहे या वहां जाने की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
Published on:
09 Sept 2025 10:04 pm
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