
आज दुनिया के ज्यादातर देशों में अंग्रेजी रोजगार, कामकाज और संवाद की भाषा बन गई है, या कहें जरूरत बन गई है, लेकिन कई देशों में आज भी इसकी दक्षता नहीं है। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा कंपनी ईएफ एजुकेशन फस्र्ट की ओर से जारी ईएफ अंग्रेजी दक्षता सूचकांक (ईएफ ईपीआई) के मुताबिक उच्च विकसित यूरोपीय देश के लोगों की अंग्रेजी का स्तर ऊंचा है। जबकि अल्प-विकसित देशों में यह काफी कम है। अंग्रेजी में अत्यधिक उच्च दक्षता रखने वाले देशों में नीदरलैंड्स सबसे आगे है। इसके बाद सिंगापुर और ऑस्ट्रिया का स्थान है।
एशियाई देशों में पर्यटन भरपूर, अंग्रेजी में कमजोर
रिपोर्ट के नतीजों में कुछ हैरान करने वाले परिणाम भी सामने आए हैं, जैसे पर्यटन का बड़ा खिलाड़ी एशिया इस भाषा में पूरी तरह से पारंगत नजर नहीं है। मसलन, चीन अपनी स्थानीय भाषा को अधिक महत्त्व देता है। इसी तरह थाईलैंड में भारी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आने के बावजूद यहां अंग्रेजी बोलने वालों की तादाद कम है।
लाओस और कांगो में सबसे कम दक्षता
अंग्रेजी में दक्षता रखने वाले देशों को सूचकांक में 800 में से अंक दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 24 देश सूचकांक में नीचे हैं। इनमें 364 स्कोर के साथ लाओस सबसे नीचे है। कांगो, यमन, लीबिया और रवांडा अंग्रेजी दक्षता सूचकांक पर निचले पांच में अन्य चार देश थे। हालांकि ज्यादातर देशों में महिलाओं से अधिक पुरुष इस भाषा में कुशल हैं। विश्व में 35 करोड़ से अधिक लोग पहली भाषा के रूप में अंग्रेजी बोलते हैं जबकि 430 करोड़ से ज्यादा इसे दूसरी भाषा के रूप में प्रयोग करते हैं।
जयपुर और मुंबई अंग्रेजी बोलने में अधिक निपुण
113 देशों की सूची में भारत को सामान्य दक्षता के साथ 60वें नंबर पर रखा गया है। वैश्विक औसत स्कोर 493 की तुलना में भारत का स्कोर 504 रहा। जबकि अंग्रेजी का ज्ञान रखने वाले 23 एशियाई देशों के सूचकांक में भारत का स्थान नौवां है। देश में भी अंग्रेजी में उच्च दक्षता रखने वाले शहरों में जयपुर, मुंबई, चेन्नई, कोयम्बटूर, बेंगलूरु और भोपाल क्रमश: प्रमुख हैं।
अंग्रेजी में महारत रखने वाले देश
देश - स्कोर
नीदरलैंड्स - 661
सिंगापुर - 642
ऑस्ट्रिया - 628
नॉर्वे - 627
डेनमार्क - 625
स्रोत: ईएफ ईपीआई
Updated on:
12 Mar 2024 10:57 am
Published on:
12 Mar 2024 10:51 am
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