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नर्स ने 10 मरीजों को मारा डाला, 27 लोगों की जैसे-तैसे बची जान, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश!

नाईट शिफ्ट में अपने काम के बोझ को कम करने के लिए नर्स ने 10 मरीजों को मारा डाला है। इसके अलावा, उसने 27 अन्य रोगियों की भी जान लेने की कोशिश की है।

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भारत

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Mukul Kumar

Nov 07, 2025

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- Meta AI)

जर्मनी में एक नर्स की करतूत ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है। उसने अस्पताल में 10 मरीजों को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं, 27 अन्य रोगियों की भी उसने जान लेने की कोशिश की। हालांकि, जैसे-तैसे वह बच गए।

बताया जा रहा है कि नर्स ने नाईट शिफ्ट में अपने काम के बोझ को कम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया। इस क्रूर अपराध के लिए अदालत ने अब नर्स को उम्र कैद की सजा सुनाई है। यह घटना दिसंबर 2023 और मई 2024 के बीच पश्चिमी जर्मनी में वुएर्सेलेन के एक अस्पताल में हुई थी।

इन मरीजों को नर्स ने बनाया निशाना

नर्स ने ज्यादातर बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को निशाना बनाया। उनकी हत्या करने के लिए नर्स ने ज्यादा मात्रा में मॉर्फीन और मिडाजोलम (खतरनाक दवा) की खुराक दी। जिसके चलते मरीजों की हालत बिगड़ गई और उन्होंने अपना दम तोड़ दिया।

नर्स ने ऐसा इसलिए किया ताकि उसे रात भर उनकी देखभाल न करनी पड़े। इस मामले में अदालत ने कहा कि अपराध बहुत ही क्रूर है। कोई अपने मरीजों के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? कोर्ट ने आगे कहा कि इस केस में महिला को कम से कम 15 साल तक सलाखों के पीछे रखा जाना चाहिए।

2020 से उस अस्पताल में काम कर रही थी नर्स

नर्स की पहचान को उजागर नहीं किया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अस्पताल में यह घटना हुई, दोषी नर्स वहां साल 2020 से ही काम कर रही थी।

साल 2024 में उसकी शिफ्ट के दौरान अस्पताल में जब मरीजों की अचानक तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टरों और स्टाफों को नर्स पर संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद, उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अभी भी चल रही जांच

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में जांच अभी भी चल रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या नर्स ने और मरीजों को नुकसान पहुंचाया था? कई शवों को कब्र से निकाला जा रहा है। अगर और मामले सामने आते हैं, तो नर्स को अन्य मुकदमों का भी सामना करना पड़ सकता है।

जर्मनी में पहले भी इस तरह की वारदात हुई है। साल 2019 में एक नर्स को जर्मनी के दो अस्पतालों में 85 मरीजों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसने 1999 और 2005 के बीच, अपनी देखरेख में लोगों को ज्यादा मात्रा में खतरनाक दवा की खुराक दी थी।