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ईरान पर बमबारी से भड़का पाकिस्तान, डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए किया था नामित

Trump Iran Airstrike Reaction Pakistan: अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद ट्रंप का गुणगान करने वाले पाकिस्तान ने इसकी तीखी आलोचना की है।

भारत

MI Zahir

Jun 22, 2025

Trump Iran Airstrike

Trump Iran Airstrike Reaction Pakistan: इजराइल के बाद अब अमेरिका ने भी ईरान पर अमेरिका की ओर से ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी (America-Iran War) करने की तो पाकिस्तान को बहुत बुरा लगा। यह हमला ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2026) नामांकन के एक दिन बाद हुआ, जिससे कूटनीतिक हलकों में हलचल मच गई। यह घटना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) की ओर से ईरान पर हमले की घोषणा के एक दिन बाद (Trump Iran Airstrike) हुई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा (Trump Iran Airstrike Reaction Pakistan) कि इस तरह के हमले (Iran-America War) क्षेत्र में तनाव व हिंसा और बढ़ा सकते हैं, जो दोनों देशों के लिए और वैश्विक शांति के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि इन हमलों से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हुआ है, और ईरान को अपनी रक्षा का अधिकार है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित है।

पाकिस्तान का सैन्य हस्तक्षेप और अमेरिका का बयान

पाकिस्तान ईरान के साथ 900 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करता है, उसने भी अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि इस प्रकार के हमले क्षेत्रीय शांति के लिए हानिकारक हो सकते हैं। पाकिस्तान ने जोर दिया कि संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाना ही सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही, पाकिस्तान ने कहा कि ईरान को इस स्थिति से बाहर निकलने का मौका देना चाहिए, ताकि तनाव कम किया जा सके।

ट्रंन ने ईरान पर हमले की सफलता की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को बयान दिया कि अमेरिकी विमानों ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु साइटों, जैसे फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर "सुपर सक्सेसफुल अटैक" किया। ट्रंप ने इस हमले को एक बड़ी सैन्य सफलता करार दिया और कहा कि इन हमलों से ईरान के परमाणु संवर्धन स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। ट्रंप ने ईरान को "मध्य पूर्व का धौंसिया" बताते हुए चेतावनी दी कि अगर ईरान ने शांति स्थापित नहीं की, तो भविष्य में हमले और भी तीव्र हो सकते हैं।

पाकिस्तान का शांति के लिए आह्वान

पाकिस्तान ने ईरान और अन्य देशों से यह संकट खत्म करने के लिए संवाद और कूटनीतिक प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया। पाकिस्तान ने कहा कि ईरान के खिलाफ हमलों से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा हो सकता है, और यह स्थिति वैश्विक शांति के लिए भी हानिकारक हो सकती है। पाकिस्तान ने शांति की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के अनुरूप कूटनीति और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की है।

ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामित करने का निर्णय लिया था। पाकिस्तान का कहना है कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप किया, और उनकी भूमिका को सम्मानित करने के लिए पाकिस्तान ने यह नामांकन किया है। यह कदम अमेरिका के व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की मेज़बानी के बाद उठाया गया।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष और ट्रंप की भूमिका

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद, अमेरिका ने इस मुद्दे पर कूटनीतिक प्रयास किए थे, जिसके लिए पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रम्प की भूमिका को सराहा। पाकिस्तान का कहना है कि ट्रंप के हस्तक्षेप के कारण युद्ध का संकट टला और शांति की संभावना बनी। उसका कहना है कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले और इसके बाद भारतीय सेना की ओर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में किए गए एयर स्ट्राइक ने तनाव को बढ़ा दिया था, लेकिन ट्रंप के प्रयासों से युद्ध का खतरा कम हुआ।

भविष्य में क्या हो सकता है ?

अमेरिका की इस बमबारी ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ईरान पर किए गए हमले के बाद, ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर शांति स्थापित नहीं होती, तो अमेरिका और भी बड़े हमले कर सकता है। इसके बावजूद, पाकिस्तान और अन्य देशों का कहना है कि इस संकट को कूटनीतिक तरीके से हल किया जाना चाहिए, न कि सैन्य बल से हल करने की कोशिश करनी चाहिए।

वैश्विक राजनीति में एक नया तनाव बढ़ रहा है

बहरहाल यह घटना इस बात का प्रमाण है कि वैश्विक राजनीति में एक नया तनाव बढ़ रहा है, जो भविष्य में बड़े संकटों को जन्म दे सकता है। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच की कूटनीति, और साथ ही अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं इस क्षेत्रीय संघर्ष की दिशा तय करेंगी।

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