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बांग्लादेश में सड़क पर उतरे लोग, मोहम्मद यूनुस के खास असीफ नजरुल का मांगा इस्तीफा

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद वहां अस्थिरता का माहौल कायम है। बीते मंगलवार को जुलाई आंदोलन के पीड़ितों ने युनूस सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला।

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Protest in Bangladesh (Photo- IANS)

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन (फोटो- IANS)

बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई के प्रदर्शनों में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों ने मंगलवार को ढाका स्थित सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार असीफ नजरुल के इस्तीफे की मांग की। लोगों ने जुलूस निकाला और सचिवालय पहुंचकर धरना दिया।

हमें अब तक नहीं मिला इंसाफ

जुलाई प्रदर्शन में जान गंवाने वाले एक युवक के पिता बुलबुल करीम ने कहा कि एक साल बीत जाने के बाद भी हमें इंसाफ नहीं मिला। सरकार न्याय का मजाक बना रही है। हम देखते हैं कि आरोपी पैसे देकर जमानत पा रहे हैं और कानून सलाहकार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “इस्तीफा दो, इस्तीफा दो, असीफ नजरुल इस्तीफा दो”, “एक ही मांग, एक ही बात, असीफ नजरुल इस्तीफा दो”, “हत्यारे बाहर घूम रहे हैं, न्यायपालिका क्या कर रही है”, “मेरा भाई कब्र में है, हत्यारा बाहर क्यों है”, “भाई का खून व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”

हमें फिर से सड़क पर उतरना पड़ा तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे

जुलाई आंदोलन में घायल हुए अनीमुल ने कहा कि अगर जुलाई के घायलों को फिर से सड़क पर उतरना पड़ा, तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे। मृतकों और घायलों के परिवार किसी से नहीं डरते। सरकार को यह याद रखना चाहिए। इस मौके पर मारे गए छात्र अहनाफ की मां सफात सिद्दीकी ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ बदसलूकी की और मारपीट भी की। उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमें गालियां दीं, जिन्हें मैं दोहरा भी नहीं सकती। उन्होंने मुझे लात मारी। हम यहां सिर्फ न्याय की मांग लेकर आए थे।”

मामला तूल पकड़ने पर प्रशासन का बयान भी सामने आया। रमना डिवीजन पुलिस के उपायुक्त मसूद आलम ने कहा कि पीड़ित परिवारों की मांगें अधिकारियों तक पहुंचाई जाएंगी, लेकिन सड़क जाम से आम जनता को परेशानी हुई। बता दें कि पिछले साल जुलाई में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्र आंदोलन हिंसक हो गया था, जिसके चलते पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को अपदस्थ होना पड़ा। अगस्त 2024 में हसीना का अचानक सत्ता से बाहर होना वैश्विक स्तर पर बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बड़ा झटका माना गया। सीना की विदाई के बाद से देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के दौरान लगातार विरोध-प्रदर्शन और अराजकता का माहौल बना हुआ है।