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निर्णय लेने में एआई से ज़्यादा साथियों पर भरोसा, सर्वे में हुआ खुलासा

हाल ही में हुए एक सर्वे में एआई पर भरोसे के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। क्या कहता है यह सर्वे? आइए जानते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Aug 30, 2025

एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) का इस्तेमाल दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ रहा है। एआई का इस्तेमाल कई सेक्टर्स में हो रहा है, चाहे वो पर्सनल यूज़ के लिए हो, या प्राइवेट यूज़ के लिए। इसका इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स भी बढ़ रहे हैं और नौकरीपेशा लोग तो इसका काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। एआई तेज़ी से लोगों के कामकाज का हिस्सा बन रहा है। लेकिन लोग इस पर कितना भरोसा करते हैं? हाल ही में एक सर्वे में इस बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है।

निर्णय लेने में एआई से ज़्यादा साथियों पर भरोसा

हाल ही में सामने आई एक ग्लोबल सर्वे रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के प्रोफेशनल्स अब भी निर्णय लेने में एआई से ज़्यादा अपने मानवीय नेटवर्क यानी कि भरोसेमंद साथियों, सहयोगियों और संपर्कों पर भरोसा करते हैं। अनुभव, संवेदनशीलता और जवाबदेही जैसी ह्यूमन क्वालिटी अब भी एल्गोरिद्म से आगे हैं।

क्या कहता है सर्वे?

करीब 19,000 प्रोफेशनल्स और 7,000 बीटूबी मार्केट पर हुए सर्वे के अनुसार 43% लोग मार्गदर्शन के लिए सबसे पहले अपने नेटवर्क का रुख करते हैं, जबकि 64% ने माना कि भरोसेमंद सहयोगी डिसीजन प्रोसेस में तेज़ी लाकर आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। दूसरी ओर एआई अपनाने का दबाव भी बढ़ा है। 51% कर्मचारी एआई सीखने को एक और नौकरी मानते हैं, खासकर जेन-ज़ी के युवा इसमें संकोच महसूस करते हैं। सर्वे में यह भी सामने आया कि बीटूबी में 71% ग्राहक अब मिलेनियल्स और जेन-ज़ी हैं। इनमें युवा प्रोफेशनल्स डिजिटल डेटा या एआई रिकमेंडेशन से ज्यादा सहकर्मियों की राय पर विश्वास करते हैं।

एआई का इस्तेमाल सही पर इस पर नहीं रह सकते निर्भर

प्रोफेशनल्स का मानना है कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में एआई का इस्तेमाल सही है और कुछ हद तक ज़रूरी भी है। हालांकि उनका यह भी मानना है कि एआई पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।