
Pope Francis Death: पोप फ्रांसिस, जिन्होंने अपने सरल और मानवीय दृष्टिकोण से पूरी दुनिया में लाखों लोगों का दिल जीता, अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी मृत्यु ने न केवल कैथोलिक समुदाय, बल्कि पूरी मानवता को शोक में डुबो दिया। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि उनकी मृत्यु के बाद एक ऐसी परंपरा चर्चा में है, जो सदियों पुरानी है? यह सवाल उठ रहा है कि क्या पोप फ्रांसिस का दिल उनके शव से निकाला जाएगा, जैसा कि पहले कुछ पोप के साथ किया जाता था। इसके साथ ही, पोप ने अपनी मृत्यु से पहले ऐसी इच्छा जताई थी, जिसने वेटिकन के 25 साल पुराने नियम को बदल दिया। आइए, जानते हैं इस रहस्यमयी परंपरा और पोप की अंतिम इच्छा के बारे में।
पोप फ्रांसिस ने 2024 में अपनी अंतिम इच्छाओं को स्पष्ट किया था। उन्होंने यह बताया कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें कहां और कैसे दफनाया जाए। वह नहीं चाहते थे कि उनके शरीर को ऊंचे मंच पर प्रदर्शित किया जाए। इसके बजाय, उन्होंने एक साधारण पादरी की तरह अंतिम संस्कार की इच्छा जताई। पोप ने अपनी अंतिम विश्राम स्थली के रूप में मारिया मेजर बेसिलिका को चुना, जो कि परंपरागत रूप से वेटिकन ग्रोटोज़ में सेंट पीटर्स बेसिलिका के नीचे पोपों के दफन स्थान से अलग है। आइए, उनकी इस अनूठी इच्छा और बदली हुई परंपरा के बारे में जानें।
मृत्यु के बाद नौ दिनों की शोक अवधि मनाई जाती है, जिसे रोम की प्राचीन परंपरा में 'नोवेन्डिएल' कहा जाता है। साल 2024 में, पोप ने अपनी अंतिम इच्छा साझा की थी कि उनके शरीर को रोम की सांता मारिया मेजर बेसिलिका में दफनाया जाए। यह बेसिलिका उनके दिल के सबसे करीब थी, जहां वह अक्सर प्रार्थना के लिए जाते थे। आइए, उनकी इस विशेष इच्छा और इसके पीछे की परंपरा को और जानें।
नोवेन्डियाली अवधि के दौरान, पोप फ्रांसिस को पोप के वस्त्र पहनाकर सेंट पीटर्स बेसिलिका ले जाया जाता है। सेंट पीटर्स बेसिलिका वह स्थान है जहां रोम के पहले पोप, सेंट पीटर को दफनाया गया था, और सामान्यतः पोप के शव को वेटिकन ग्रोटोज़ में, बेसिलिका के नीचे के तहखाने में दफनाया जाता है। पोप फ्रांसिस की इच्छा थी कि उन्हें साधारण पादरी की तरह दफनाया जाए, न कि तीन ताबूतों में, जो पोप के अंतिम संस्कार की परंपरा है। सेंट पीटर्स बेसिलिका में लोग सार्वजनिक रूप से पोप फ्रांसिस के अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
16वीं से 19वीं सदी के दौरान, पोप के अंतिम संस्कार की एक अन्य परंपरा थी जिसमें शव को संरक्षित करने के लिए पोप के तीन अंग निकाले जाते थे। वर्तमान में, 22 पोप के हृदय, यकृत, तिल्ली या प्लीहा, और अग्न्याशय को संरक्षित रखा गया है। ये अंग ट्रेवी फाउंटेन के निकट एक चर्च में, संगमरमर के कलशों में रखे गए हैं। ट्रेवी फाउंटेन का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। हालांकि, 2024 में पोप फ्रांसिस ने इन परंपराओं में संशोधन किया था।
Published on:
24 Apr 2025 03:56 pm
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