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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में छाया मातम, बाढ़ से 42 लाख लोग बर्बाद,2000 गांव प्रभावित

Punjab Floods Pakistan 2025: पाकिस्तान के पंजाब में आई बाढ़ से 42 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिससे भारी तबाही मची है। राहत कार्य जारी हैं।

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भारत

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MI Zahir

Sep 27, 2025

Floods in Punjab, Pakistan

Floods in Punjab, Pakistan (Photo - ANI)

Punjab Floods Pakistan 2025: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी मानसून बाढ़ (Punjab floods 2025) ने तबाही मचा दी है। इस प्राकृतिक आपदा से लगभग 42 लाख लोग प्रभावित(Pakistan flood relief) हुए हैं, खासकर दक्षिणी जिले सबसे ज्यादा नुकसान झेल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ( UNOCHA ) ने बताया कि 8 से 18 सितंबर के बीच पंजाब के 18 जिलों (Flood affected Punjab Pakistan) में लगभग 2,000 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इस बाढ़ से लगभग 28 लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। लगभग 1,61,700 घरों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य और शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की ज़िन्दगी और भी मुश्किल हो गई है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 26 जून से 19 सितंबर के बीच करीब 30 लाख लोगों को बचाया गया या सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ से 12,559 घर ध्वस्त हुए और 6,509 मवेशी भी मर गए, जो स्थानीय लोगों के लिए भारी आर्थिक नुकसान है।

राहत राशि बढ़ाने की घोषणा

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अनुग्रह राशि दोगुनी कर दी है। अब हर परिवार को दस लाख रुपये की जगह बीस लाख रुपये (करीब 7,000 अमेरिकी डॉलर) की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिल सकेगी।

राहत कार्य राजनीतिक विवाद में

हालांकि राहत कार्य के बीच राजनीतिक विवाद भी तेज़ हो रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो-जरदारी और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के बीच बाढ़ राहत को लेकर तीखी बहस हो रही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, यह विवाद असल में राहत देने की बजाय सत्ता और ज़िम्मेदारी लेने का मामला बन गया है।

सहायता वितरण प्रणाली पर सवाल

बिलावल भुट्टो का कहना है कि बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (BISP) राहत का सबसे अच्छा और तेज़ तरीका है, जबकि मरियम नवाज ने इस योजना की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि BISP के तहत ज्यादा पैसे कैसे बांटे जाएंगे, क्योंकि इसके मानक भुगतान केवल लगभग 10,000 रुपये ही हैं।

जनता की असली जरूरतें

अखबार ने यह भी लिखा कि ऐसे वक्त में नेताओं को व्यक्तिगत मतभेद भूलकर जनता की मदद करनी चाहिए। बाढ़ प्रभावित लोगों को भुखमरी और बीमारी से लड़ना पड़ रहा है, और उनकी प्राथमिक जरूरतें भोजन, आश्रय और दवा हैं। नेता अगर इन्हें नजरअंदाज करेंगे तो बड़ी त्रासदी हो सकती है। (आईएएनएस)