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राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव से की बातचीत, आतंकवाद पर कही ये बड़ी बात

India-US defense talks: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों ने बातचीत कर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है।

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भारत

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MI Zahir

May 01, 2025

India-US defense talks

India-US defense talks

India-US defense talks: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच गुरुवार को फोन पर बातचीत (India-US defense talks) हुई। यह वार्ता पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam attack) के बाद बहुत अहम मानी जा रही है। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान ( Paksitan) ने लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को सहारा, ट्रेनिंग और फंडिंग दी (Pakistan terrorism support) है। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर हमलों पर वैश्विक समुदाय को खुल कर निंदा करनी चाहिए। वहीं, अमेरिकी रक्षा सचिव हेगसेथ ने भारत ( India) के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि अमेरिका भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में पूरी तरह साथ खड़ा हुआ है।

पाकिस्तान एक धूर्त राष्ट्र के रूप में बेनकाब हो चुका है

राजनाथ सिंह ने अमेरिकी पक्ष को पहलगाम हमले की गंभीरता के बारे में बताया, जहां हाल ही में सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था। सिंह ने कहा, “पाकिस्तान एक धूर्त राष्ट्र के रूप में बेनकाब हो चुका है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। दुनिया अब आतंकवाद पर आंखें मूंदे नहीं रह सकती।” रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय को ऐसे जघन्य आतंकी कृत्यों की स्पष्ट और दृढ़ निंदा करनी चाहिए।

दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा

भारत और अमेरिका के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के बीच यह बातचीत अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से बात करने और भारत को पाकिस्तान के साथ मिलकर तनाव कम करने तथा दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के एक दिन बाद हुई है। रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी अलग से बात की और आतंकी हमले की निंदा करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा "इस अमानवीय हमले" की जांच में पाकिस्तानी अधिकारियों से सहयोग करने का आग्रह किया।

अटारी भूमि-पारगमन चौकी तत्काल बंद करने सहित कई उपाय की घोषणा

पहलगाम हमले के बाद, जो 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था, भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया तथा 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करने सहित कई उपाय करने की घोषणा की।

26 निहत्थे लोगों की निर्मम हत्या हुई थी

गौरतलब है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निहत्थे लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। इसके बाद से पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। गुरुवार को लगातार सातवें दिन पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की है। भारतीय सेना ने बिना किसी देरी के इस फायरिंग का जवाब दिया है।

पाकिस्तानी सेना रोज नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रही

पाकिस्तानी सेना बीते शुक्रवार से हर रोज नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रही है। भारतीय सेना के मुताबिक, 30 अप्रैल और 1 मई की बीच की रात पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर के सामने नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी की। हर दिन की ही तरह यह फायरिंग बिना किसी उकसावे के की गई। पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों से यह गोलीबारी की है। भारतीय सेना ने भी इसका उचित जवाब दिया।

पहलगाम हमले की जड़ में मुनीर का भड़काऊ बयान

उल्लेखनीय है कि पहलगाम हमले की जड़ में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की ओर से दिया गया भड़काऊ और भारत विरोधी बयान है। मुनीर ने इस्लामाबाद में 16 अप्रैल को प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ भड़काऊ बातें कही थीं। इसके दो दिन बाद, 18 अप्रैल को, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के खैगला, रावलकोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक नेता ने भारत विरोधी जहरीला भाषण दिया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा मारे गए दो आतंकवादियों का बदला लेने की धमकी दी गई। इस बयानबाजी के बाद ही लश्कर के ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी।

मार्को रुबियो ने भी भारत का समर्थन किया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और अमेरिका के रक्षा व विदेश मंत्रालयों में कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई दी, वहीं एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बातचीत कर भारत को संयम बरतने और दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने का आग्रह किया।

पहलगाम जैसे अमानवीय हमलों की कड़ी निंदा करने की आवश्यकता

मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से भी सीधे बातचीत की और पहलगाम जैसे अमानवीय हमलों की कड़ी निंदा करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने हमले की जांच में पाकिस्तानी अधिकारियों से पूरी पारदर्शिता और सहयोग की मांग की।

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए

गौरतलब है कि पहलगाम हमले को पुलवामा (2019) के बाद सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णायक कदम उठाए हैं। मसलन:

-पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती।

-सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐलान।

-अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करने का निर्णय।

-भारत का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

वैश्विक समुदाय से अपील की

बहरहाल राजनाथ सिंह और हेगसेथ की बातचीत में अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का स्पष्ट समर्थन किया। वहीं, भारत ने पाकिस्तान पर वर्षों से आतंकवाद को समर्थन देने, प्रशिक्षित करने और फंडिंग करने का आरोप दोहराया है। साथ ही, वैश्विक समुदाय से अपील की गई कि आतंकवाद के ऐसे कृत्यों की सार्वजनिक और स्पष्ट निंदा की जाए।

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