
Ranjini Srinivasan
भारतीय छात्रा रंजिनी श्रीनिवासन (Ranjini Srinivasan) कुछ दिनों पहले सुर्ख़ियों में आ गई थी। इसकी वजह है रंजिनी का खुद को अमेरिका (United States Of America) से डिपोर्ट करना (सेल्फ-डिपोर्टेशन)। दरअसल रंजिनी एक भारतीय शोध छात्रा है, जो अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) में अर्बन प्लानिंग (शहरी योजना) में डॉक्टरेट कर रही थी और F-1 स्टूडेंट वीज़ा पर अमेरिका में रह रही थी। रंजिनी पर इसी महीने की शुरुआत में अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उसका वीज़ा 5 मार्च को रद्द कर दिया गया था। गौर करने वाली बात यह भी है कि रंजिनी का वीज़ा दिसंबर 2024 में ही रिन्यू हुआ था। ऐसे में इससे पहले रंजिनी को अमेरिका से निकला जाता, उसने खुद ही सेल्फ-डिपोर्टेशन के ज़रिए 11 मार्च को अमेरिका छोड़ दिया था। अब इस बारे में रंजिनी ने एक चौंकाने वाली बात कही है।
रंजिनी ने अपने सेल्फ-डिपोर्टेशन के बारे में बात करते हुए कहा, "मेरे साथ धोखा हुआ है और यह धोखा कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने दिया है। मैंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में 5 साल बिताए और काफी काम किया, कभी-कभी तो सप्ताह में 100 घंटे भी काम किया। मुझे कभी नहीं लगा था कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी मुझे निराश करेगा, लेकिन ऐसा ही हुआ। हालांकि मैं उम्मीद करती हूं कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी मुझे फिर से एनरॉल करेगा। मैंने अपनी सभी अकादमिक प्रस्तुतियाँ दे दी हैं और पीएचडी पूरी करने के लिए यूनिवर्सिटीकी सभी ज़रूरतों को पूरा कर लिया है। यूनिवर्सिटी के लिए अब मुझे पीएचडी देना एक औपचारिकता मात्र है। मेरी पीएचडी के लिए सभी ज़रूरतें पूरी हो चुकी हैं, और जो कुछ भी बाकी है, उसके लिए मुझे अमेरिका में रहने की भी जरूरत नहीं है।" इसलिए मैं कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अपील कर रही हूं कि वो अपना काम करें और मुझे न्याय दें।"
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दरअसल इज़रायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के दौरान अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज़ में इज़रायल के विरोध में और हमास के समर्थन में प्रदर्शन किए गए। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में कई छात्रों ने इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया, जिनमें रंजिनी भी थी। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने उसी समय कह दिया था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसे सभी छात्रों को देश से निकाल देंगे जो आतंकी संगठन हमास का समर्थन करते हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही ऐसे कुछ छात्रों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई और इनमें रंजिनी भी शामिल थी। रंजिनी का वीज़ा रद्द कर दिया गया और उसे अमेरिका छोड़कर कनाडा जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस पूरे मामले में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने भी रंजिनी की कोई मदद नहीं की।
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Updated on:
28 Mar 2025 11:21 am
Published on:
28 Mar 2025 11:16 am
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