
तास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में संघर्ष और अन्य विषयों के बारे में तथाकथित "फर्जी" जानकारी को हटाने में विफल रहने के लिए एक रूसी अदालत ने बुधवार को अल्फाबेट की कंपनी Google पर 4.6 बिलियन रूबल ($ 50.84 मिलियन) का जुर्माना लगाया। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद रूस का विदेशी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ सामग्री, सेंसरशिप, डेटा और स्थानीय प्रतिनिधित्व को लेकर लगातार विवाद चल रहा है। आरआईए समाचार एजेंसी ने कहा कि गूगल द्वारा "चरमपंथी सामग्री" को हटाने में विफल रहने के कारण जुर्माना लगाया गया है। रूस ने इसे एलजीबीटी प्रोपगेंडा बताया। हालांकि इस बारे में गूगल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
रूस, यूक्रेन पर हमले को "विशेष सैन्य अभियान" बताता है। रूस के सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में फैसला सुनाया कि एलजीबीटी कार्यकर्ताओं को "चरमपंथी" के रूप में नामित किया जाना चाहिए। रूस में समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों को गिरफ्तारी और मुकदमा चलाए जाने का डर सताता रहता है।
गूगल पर ऐसे लगाया गया जुर्माने का हिसाब
अल्फाबेट का यूट्यूब विशेष रूप से रूस के निशाने पर रहा है। हालांकि ट्विटर और मेटा प्लेटफॉर्म के फेसबुक और इंस्टाग्राम के विपरीत यूट्यूब को ब्लॉक नहीं किया गया है। जुर्माने की गणना रूस में Google गूगल के वार्षिक कारोबार के हिस्से के रूप में की गई थी। कंपनी पर 2021 के अंत में 7.2 बिलियन रूबल और अगस्त 2022 में 21.1 बिलियन रूबल का समान टर्नओवर-आधारित जुर्माना लगाया गया था।
एंटीट्रस्ट मुकदमे में गूगल भरेगा इतना जुर्माना
गूगल ने एंटीट्रस्ट मुकदमा निपटाने के लिए किया छह हजार करोड़ रुपए का समझौता किया है। गूगल ने इस समझौते के तहत अपने ऐप स्टोर से जुड़ी नीतियों में भी बदलाव करेगी।भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर में दो मामलों में अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल पर 27.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था।
Published on:
20 Dec 2023 07:30 pm
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