
Russian oil (Representational Photo)
यह बात जगजाहिर है कि रूस (Russia), दुनिया में तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। रूस कई देशों को अपना तेल निर्यात करता है। लेकिन अब तेल के निर्यात में एक परेशानी खड़ी हो गई है। रूस ने गुरुवार को कुछ समय के लिए तेल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। साल के अंत तक डीज़ल के निर्यात पर बैन लगा दिया गया है। वहीं गैसोलिन और पेट्रोल निर्यात पर पहले से जारी प्रतिबंध दिसंबर तक बढ़ा दिया है। रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्ज़ेंडर नोवाक (Alexander Novak) ने इस फैसले की घोषणा की।
रूस ने तेल के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला यूक्रेन (Ukraine) के ड्रोन हमलों से कुछ रिफाइनरियों को हुए नुकसान और फ्यूल सप्लाई में बाधा के चलते लिया। गौरतलब है कि पिछले दिनों में यूक्रेन ने ड्रोन हमलों में रूस की तेल रिफाइनरियों को निशाना बनाया है, जिससे यह नुकसान हुआ है। इससे पहले भी अक्सर ही यूक्रेन ने रूस की तेल रिफाइनरियों पर हमले किए हैं।
रूसी उप-प्रधानमंत्री नोवाक ने बताया कि रूस की तेल रिफाइनरियों पर यूक्रेन के ड्रोन हमलों की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन रिज़र्व तेल भंडार से इस कमी को पूरा किया जा रहा है। नोवाक ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी।
रूस के इस तरह तेल के निर्यात को साल के अंत तक बैन करने से मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि क्या इससे भारत पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि भारत रूसी तेल की खरीद के मामले में सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है। नोवाक ने बताया कि यह फैसला देश के घरेलू बाज़ार को पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। इससे रूस और अन्य देशों के बीच हुआ सरकारी समझौता प्रभावित नहीं होगा। इससे साफ है कि भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
Updated on:
26 Sept 2025 09:40 am
Published on:
26 Sept 2025 09:28 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
