
Russian soldiers (Photo - Washington Post)
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 24 फरवरी, 2022 से चल रहे युद्ध को 42 महीने से ज़्यादा समय पूरा हो चुका है। अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तमाम कोशिशों के बावजूद भी युद्ध-विराम नहीं हो रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं, जिससे हर दिन यूक्रेन को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि रूसी सेना के सैनिक भी इस युद्ध में मारे जा रहे हैं। रूसी सेना, धीरे-धीरे यूक्रेन के शहरों और गांवों में घुस रही है।
यूक्रेनी सेना के एक प्रवक्ता ने स्वीकार किया है कि रूसी सेना द्निप्रॉपेट्रोव्स्क (Dnipropetrovsk) में घुस गई है। यह पहला मौका है जब यूक्रेन ने रूसी सेना के द्निप्रॉपेट्रोव्स्क में घुसने की बात पर मुहर लगाई है।
रूसी सेना का द्निप्रॉपेट्रोव्स्क में घुसना यूक्रेन के लिए चिंता की बात है। दरअसल द्निप्रॉपेट्रोव्स्क, यूक्रेन का चौथा सबसे बड़ा शहर है। साथ ही एक सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया भी है। इससे पहले तक द्निप्रॉपेट्रोव्स्क इस युद्ध से अछूता था, लेकिन अब इस शहर में भी रूसी सेना ने घुसपैठ कर दी है।
जिस तरह से रूसी सेना, यूक्रेन में आगे बढ़ रही है, उससे एक बात साफ नज़र आ रही है। वो बात यह है कि रूस का प्लान धीरे-धीरे यूक्रेन के अहम शहरों और गांवों में घुसपैठ करके यूक्रेन को कमज़ोर करना है।
रूस की सेना का यूक्रेन के द्निप्रॉपेट्रोव्स्क में घुसना, ट्रंप की विदेश नीति की एक और नाकामी है। ट्रंप लगातार दावे कर रहे हैं कि वह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस युद्ध को रुकवा देंगे। इसके लिए ट्रंप बातचीत और मुलाकात से लेकर धमकियों, टैरिफ और प्रतिबंधों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हट रहे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप की विदेश नीति एक बार फिर फ्लॉप हो गई है।
Updated on:
28 Aug 2025 12:45 pm
Published on:
28 Aug 2025 12:43 pm
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