
सऊदी अरब उमराह बस हादसा। (फोटो सोर्स: X Handle / Manakdeep Singh) Kharaud
Saudi Umrah Bus Accident: मदीना से मक्का जा रही भारतीय उमराह यात्रियों की बस का भीषण हादसा (Saudi Umrah accident) अब तक की सबसे दर्दनाक घटनाओं (Makkah Madinah crash) में से एक बन चुका है। इस हादसे में 42 लोगों की जान चली गई और कई लोग जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं। सऊदी अरब की भारतवंशी मशहूर मीडिया पर्सनैलिटी और बिजनेसवुमन डॉ. समीरा अजीज ने हमारे साथ खास बातचीत में इस दुखद हादसे (Indian pilgrims death) की असली वजहें बताईं। उन्होंने कहा–“हम भारतीय 30-40 हजार रुपये बचाने के लिए 20 साल पुरानी बस में बैठ जाते हैं। जब तक हम खुद सुरक्षित और अच्छी सर्विस की मांग नहीं करेंगे, कंपनियां नहीं सुधरेंगी।” उनका कहना है कि पैसा बचाने की जल्दबाजी हमें जान से हाथ धोने पर मजबूर कर रही है। ध्यान रहे कि सन 1947 से पहले, उनके परिवार की जड़ें भारत के लखनऊ शहर से ताल्लुक रखती हैं।
डॉ. समीरा ने बताया कि मक्का-मदीना एक्सप्रेस वे दुनिया की सबसे शानदार और सुरक्षित सड़कों में से एक है। यह 8 लेन का हाईवे है, जहां कार 140 किमी/घंटा और बसें 120 किमी/घंटा तक की रफ्तार की इजाजत है। सऊदी सरकार सड़कों पर अरबों रियाल खर्च करती है। पिछले साल ही नया “रोड कोड” लागू हुआ है, जिसका लक्ष्य 2030 तक हर साल सड़क हादसों से होने वाली मौतों को सिर्फ 5 तक लाना है। फिर भी इतना बड़ा हादसा हो गया। इसका मतलब साफ है – सड़कें तो बेहतरीन हैं, गड़बड़ी कहीं और है। दोषी बस कंपनी और ड्राइवर पर कड़ी सजा का ऐलान हुआ है और अगले कुछ दिनों में पूरी रिपोर्ट आएगी।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा – “सबसे बड़ा कातिल है तेज रफ्तार और ड्राइवरों की थकान।” उमराह के मौसम में ज्यादातर ड्राइवर 12 से 16 घंटे तक लगातार गाड़ी चलाते हैं। कई बार तो एक ही ड्राइवर 600 किलोमीटर तक बस दौड़ाता है। सऊदी कानून में 8 घंटे से ज्यादा ड्राइविंग पर सख्त पाबंदी है, लेकिन ट्रैवल कंपनियां इसे ताक पर रख देती हैं। नींद, थकान और तेज स्पीड – ये तीनों मिल कर मौत को न्योता देते हैं।
उन्होंने एक और चौंकाने वाली बात बताई – “ज्यादातर उमराह बसें 15 से 25 साल पुरानी होती हैं। टायर फटने की सबसे बड़ी वजह यही है। इस हादसे में भी शुरुआती जांच में टायर फटने का शक जताया जा रहा है।” डॉ. समीरा ने कहा कि सऊदी सरकार ने सड़कें तो चमकदार बना दीं, लेकिन अब बस मालिकों और टूर ऑपरेटरों पर लगाम कसने की जरूरत है।
-एक ड्राइवर 8 घंटे से ज्यादा न चलाए।
-हर बस में स्पीड गवर्नर और जीपीएस लगना जरूरी हो।
-10 साल से पुरानी बसों को उमराह रूट से पूरी तरह हटाया जाए।
-भारतीय ट्रैवल एजेंट्स और हज कमेटी भी सस्ते पैकेज के चक्कर में पुरानी बसें न बुक करें।
सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर सोमवार तड़के एक बस हादसे ने 42 भारतीय उमराह यात्रियों की जिंदगी छीन ली। यह घटना इतनी भयावह थी कि बस आग की लपटों में लिपट गई। सभी यात्री हैदराबाद (तेलंगाना) से थे, जो 9 नवंबर को उमराह यात्रा पर निकले थे। उनका टूर 23 नवंबर तक का था। मक्का में उमराह रस्में पूरी करने के बाद वे मदीना की ओर जा रहे थे, जब यह त्रासदी घटी। यह हादसा सोमवार, 17 नवंबर 2025 को रात 1:30 बजे (भारतीय समय) मुफ्रिहात इलाके में हुआ था, जो मदीना से करीब 25 किलोमीटर दूर है। बस पर 46 यात्री सवार थे। ग्रुप में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल थे। कुल 54 यात्रियों में से 4 मक्का में रुक गए थे, और 4 ने कार से मदीना जाने का फैसला किया था। बस में सवार 46 में से 42 की मौत हो गई। एकमात्र बचे व्यक्ति मोहम्मद अब्दुल शोएब (24 वर्ष, हैदराबाद) हैं, जो अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। एक बच्चा भी घायल है।
गौरतलब है कि बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर शाद अली ने अपनी अगली फिल्म की घोषणा की है। यह एक बायोपिक होगी, जो ध्यान रहे कि अरब में पर्देे के माहौल से निकल की पत्रकारिता में मकाम बनाने वाली जानी-मानी मीडिया हस्ती डॉ. समीरा अजीज के जीवन पर आधारित है। उन्हें 2016 में मध्य पूर्व की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक शख्सियत के लिए 'ग्रेट वुमन अवार्ड' भी दिया गया है। फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे उन्होंने कठिन परिस्थितियों में सफलता हासिल की, जब सऊदी में महिलाएं पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में कम ही कदम रखती थीं।
Updated on:
18 Nov 2025 06:39 pm
Published on:
18 Nov 2025 05:46 pm
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