
Planet of red dwarf star (Representational Photo)
वैज्ञानिक अब शायद पहली बार किसी दूसरे ग्रह पर धरती जैसे वायुमंडल की मौजूदगी की पुष्टि करने के बेहद करीब हैं। एक ग्रह पर जीवन के शुरुआती संकेत नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले हैं और अगर आगे के डेटा ने इसे सही ठहराया, तो यह वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी खोजों में गिनी जाएगी। यह खोज धरती से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर ट्रैपिस्ट-1 नामक तारामंडल से पृथ्वी जैसी वायुमंडलीय संभावना जुड़ी है, जिसे बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने खोजा था। यह प्रणाली अनोखी है और इसका तारा ज्यूपिटर के आकार का एक लाल बौना तारा है और इसके चारों ओर सात चट्टानी ग्रह घूमते हैं। इनमें से तीन ग्रह 'हैबिटेबल जोन' में हैं, यानी वो अपने तारे के पास हैं और अगर इनके पास वायुमंडल होगा तो सतह पर पानी भी मौजूद हो सकता है।
वैज्ञानिकों को सबसे ज़्यादा उम्मीदें इस प्रणाली के ग्रह ट्रैपिस्ट-1ई से है। टेलीस्कोप से की गई चार ऑब्ज़र्वेशन ने यह साफ कर दिया कि इस ग्रह का वायुमंडल, शुक्र या मंगल की तरह कार्बन-डाईऑक्साइड-प्रधान नहीं, बल्कि नाइट्रोजन-प्रधान हो सकता है, जो शनि के बर्फीले चंद्रमा टाइटन की तरह है। इसका मतलब यह है कि ग्रह पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ मौजूद हो सकती हैं।
अगर ट्रैपिस्ट-1ई पर वायुमंडल की पुष्टि हो जाती है, तो इससे यह सिद्ध हो जाएगा कि लाल बौने तारों के आसपास भी जीवन के लिए ज़रूरी वातावरण संभव है और चूंकि ऐसे तारे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं, तो अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएंगी। वैज्ञानिकों की टीम इस साल के अंत तक 15 और ऑब्ज़र्वेशन पूरे करेगी। इसके बाद अगर वायुमंडल का स्पष्ट सबूत मिलता है, तो अगला कदम होगा उसकी रासायनिक संरचना का पता लगाना जैसे कि मीथेन या अन्य जीवन-सूचक गैसें।
Published on:
22 Sept 2025 10:50 am
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