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किम जोंग उन के इस कदम से उड़ी दक्षिण कोरिया की नींद, अगले सप्ताह होने वाली है बड़ी मीटिंग, ट्रंप भी पहुंचेंगे

उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण का एकबार फिर दुनिया को चौंका दिया है। दक्षिण कोरिया ने किम की इस हरकत के बाद निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही सियोल में एक बड़ी मीटिंग भी होने वाली है।

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Trump Kim APEC Meeting

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन।( फोटो: आईएएनएस)

उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत अन्य वैश्विक नेता अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में जुटने वाले हैं। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (joint CDS) ने कहा कि उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के दक्षिणी क्षेत्र से कई संदिग्ध कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया गया है।

आमतौर पर उत्तर कोरिया, जापान और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्री क्षेत्रों की ओर दागता है। इससे पड़ोसी देशों को कोई प्रत्यक्ष नुकसान नहीं होता है, लेकिन इस बार उत्तर कोरिया ने उत्तर-पूर्व की दिशा में मिसाइलें दागीं। दक्षिण कोरिया के सैन्य अधिकारी ने आगे कहा कि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उत्तर कोरिया की बैलेस्टिक मिसाइल कितनी दूर तक गईं और कहां गिरीं।

निगरानी सख्त करने के निर्देश

उत्तर कोरिया के इस कदम के बाद दक्षिण कोरिया की सेना ने निगरानी को सख्त करने का निर्णय लिया है। जापान की सरकार भी अमेरिकी सेना के साथ सूचना साझा कर रही है। जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने बताया कि टोक्यो वॉशिंगटन और सियोल के साथ लगातार बातचीत कर रहा है। साथ ही, रियल-टाइम मिसाइल चेतावनी डेटा साझा कर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी मिसाइल जापान के समुद्री क्षेत्र या विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं गिरी।

APEC की मेजबानी कर रहा सियोल

दक्षिण कोरिया अगले सप्ताह एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसका उद्देश्य आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक विषयों पर केंद्रित है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस सम्मेलन में भाग लेने से पहले ग्योंगजू में द्विपक्षीय वार्ताओं के लिए आने की संभावना थी, जहां उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्योंग से होनी थी। हालांकि, कोरियाई अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप शायद APEC की मुख्य बैठक (30 अक्टूबर–1 नवम्बर) में हिस्सा न लें।

खुद को परमाणु संपन्न देश स्थापित करने की कोशिश

एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर कोरिया इस तरह के मिसाइल परीक्षण कर खुद को परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में दिखाना चाहता है। ताकि वह संयुक्त राष्ट्र से अपने खिलाफ लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाने की मांग कर सके। विशेषज्ञों ने कहा कि
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने साल 2019 में ट्रंप के साथ परमाणु वार्ता विफल होने के बाद से हथियार परीक्षणों की गति को काफी तेज कर दिया है। हालांकि, किम ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अगर अमेरिका उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण की अपनी शर्त छोड़ दे, तो वह फिर से बातचीत की टेबल पर लौट सकते हैं।

नया ICBM का किया है परीक्षण

किम जोंग उन ने अक्टूबर की शुरुआत में सैन्य परेड में नया इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल “ह्वासोंग-20” पेश किया। इसे उन्होंने उत्तर कोरिया का सबसे शक्तिशाली परमाणु रणनीतिक हथियार प्रणाली बताया। विशेषज्ञों के अनुसार यह ICBM कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा देने के लिए बनाया गया है।

किम की डिप्लोमैटिक साख भी हुई है मजबूत

किम की डिप्लोमैटिक साख हाल ही में मज़बूत हुई है। पिछले महीने बीजिंग मिलिट्री परेड में वह चीनी लीडर शी जिनपिंग और रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के साथ सेंटर स्टेज पर दिखे थे। ट्रंप और साउथ कोरिया के प्रेसिडेंट ली जे म्युंग ने भी बार-बार किम से मिलने की उम्मीद जताई है क्योंकि वह अपने भड़काऊ न्यूक्लियर प्रोग्राम का दिखावा करते हैं।