सुकर्णोपुत्री ने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए हिंदू धर्म अपना लिया। आयोजन के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात भी की। पुजारी ने मंत्र पढ़कर और सुकमावती पर पवित्र जल छिड़का, जिसके बाद वह हिंदू धर्म में शामिल हो गईं। उनकी परंपरागत तरीके से आरती भी उतारी गई और अन्य मान्यताओं का पालन भी करवाया गया। सुकमावती हिंदू धर्म की सभी सिद्धांतों और परंपराओं से पूरी तरह से वाकिफ हैं। बाली में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं और दुनियाभर से लोग इसे देखने आते हैं।
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सुकमावती अभी 70 साल की हैं और सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं। उनसे छोटी पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री हैं। वह इंडोनेशिया नेशनल पार्टी की संस्थापक भी हैं। उन्होंने कांजेंग गुस्ती पानगेरान अदिपति आर्या से शादी की थी लेकिन वर्ष 1984 में उनका तलाक हो गया था। वर्ष 2018 में सुकमावती पर एक ऐसी कविता कहने का आरोप लगा था जिससे इस्लाम का अपमान हुआ।
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इंडोनेशिया के कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने सुकमावती के खिलाफ एक ईशनिंदा का केस दर्ज कराया था। इसके बाद सुकमावती ने माफी मांगी थी। इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है। दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिंदू भी रहते हैं। यहां कई मंदिर बने हैं और रामायण का मंचन होता है।