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7 महीने बाद जो बिडेन और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत, चीन बोला- अमरीका ने उसे काफी नुकसान पहुंचाया

बीते कुछ वर्षों में अमरीका और चीन के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे। दोनों देशों के बीच टे्रड वॉर जारी है। तकनीक पर प्रभुत्व के लिए भी लड़ाई जारी है। अमरीका ने मानवाधिकार के मसले पर चीन को लेकर कड़ा रुख दिखाया है।  

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Ashutosh Pathak

Sep 10, 2021

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नई दिल्ली।

अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच करीब सात महीने बाद लंबी बातचीत हुई। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, जिनपिंग ने बिडेन से कहा कि अमरीका की कई नीतियों ने चीन के लिए गंभीर मुश्किलें पैदा की हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कि इन्हें टै्रक पर लाना जरूरी है, क्योंकि यह वैश्विक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है।

बीते कुछ वर्षों में अमरीका और चीन के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे। दोनों देशों के बीच टे्रड वॉर जारी है। तकनीक पर प्रभुत्व के लिए भी लड़ाई जारी है। अमरीका ने मानवाधिकार के मसले पर चीन को लेकर कड़ा रुख दिखाया है। इन सबके बीच कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर विवाद ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को और खराब कर दिया है।

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बताया जा रहा है कि बिडेन के साथ बातचीत में जिनपिंग ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था के बीच टकराव दोनों देशों और दुनियाभर के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुए पूछा कि क्या चीन और अमरीका अपने संबंधों को बेहतर कर सकते हैं।

जिनपिंग ने कहा कि यह सदी का सवाल है और इसका जवाब दोनों देशों को देना चाहिए। यह जानकारी चीन की सरकारी मीडिया ने दी है। बीते सात महीने में जिनपिंग और बिडेन ने पहली बार बात की है। जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों को मतभेदों का सम्मान करते हुए जलवायु परिवर्तन, महामारी की रोकथाम और ग्लोबल इकॉनामिक रिकवरी पर बात करते रहनी चाहिए।

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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन और अमरीका के संबंध कोई बहुविकल्पीय सवाल नहीं हैं। हां, यह जरूरी सवाल है दोनों देश मिलकर कैसे बेहतर तरीके से काम करें।

तालिबान को चीन से पैसा मिलने के बारे में पूछे जाने पर बिडेन ने कहा कि चीन पाकिस्तान, रूस और ईरान की तरह यह जानने की कोशिश कर रहा है कि एक दिन पहले तालिबान की ओर से घोषित की गई नई सरकार पर सबसे अच्छी प्रतिक्रिया कैसे दी जाए। जो बिडेन ने यह भी कहा कि मुझे यकीन है कि वे तालिबान के साथ कुछ समझौता करने जा रहे हैं। जैसा कि पाकिस्तान, रूस और ईरान करता रहा है। वे सभी यह पता लगाने कोशिश कर रहे हैं कि वे अब क्या आगे क्या करने वाले हैं।