
Khandwa Court in MP sentences murderer to death
सज़ा-ए-मौत (Death Sentence) का चलन अब पहले जितना नहीं रहा, लेकिन दुनिया के कुछ देशों में अभी भी मौत की सज़ा दी जाती है। सज़ा-ए-मौत देने के मामले में सऊदी अरब का नाम ऐसे देशों में है, जहाँ अभी भी ऐसे कई मामले सामने आते हैं। सऊदी अरब (Saudi Arabia) में अभी भी लोगों को मौत की सज़ा के तौर पर फांसी देने के कई मामले देखने को मिलते हैं। बड़े और माफ न करने योग्य अपराधों के लिए अभी भी सऊदी अरब में सज़ा-ए-मौत दी जाती है। इस साल लोगों को फांसी देने के मामलों में काफी इजाफा भी देखने को मिला है।
सऊदी अरब में इस साल अब तक 214 लोगों को सज़ा-ए-मौत के तौर पर फांसी की सज़ा दी जा चुकी है। इस साल के आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो पिछले दो साल की तुलना में 2024 में अब तक तीन गुना ज़्यादा मौत की सज़ा के मामले सामने आए हैं।
सऊदी अरब में इस साल जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें दूसरे देशों के नागरिक भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इस साल सऊदी अरब में जिन 214 लोगों को फांसी की सज़ा दी गई है, उनमें से 101 विदेशी नागरिक हैं। इनमें पाकिस्तान के 21 नागरिक, यमन के 20 नागरिक, सीरिया के 14 नागरिक, नाइजीरिया के 10 नागरिक, मिस्र के 9 नागरिक, जॉर्डन के 8 नागरिक, इथियोपिया के 7 नागरिक, भारत के 3 नागरिक, अफगानिस्तान के 3 नागरिक, सूडान के 3 नागरिक, श्रीलंका का 1 नागरिक, इरीट्रिया का 1 नागरिक और फिलीपींस का 1 नागरिक शामिल है।
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सऊदी अरब में इस साल अब तक जिन लोगों को फांसी की सज़ा दी गई है, उन्हें राजद्रोह, रेप, काला जादू, ड्रग्स तस्करी जैसे अपराधों के चलते सज़ा-ए-मौत दी गई।
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Published on:
20 Nov 2024 02:37 pm
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