
Us Border patroling team
US deportation of Indian immigrants: अमेरिका ने अपने यहां से अवैध भारतीय अप्रवासियों के पहले बैच को जिस तरह से अपमानित कर गुलामों की तरह अपने देश से निकाला (US deportation of Indian immigrants0 है, उस पर भारत में बहुत गुस्सा है। वजह यह भी रही कि उनके साथ गुलामों की तरह बर्ताव किया गया। लगभग एक दिन तक चलने वाली उड़ान के लिए प्रवासी भारतीयों के समूह को हथकड़ी लगाई गई और उनके पैरों को बेड़ियों से बांध दिया गया। अमेरिकी सीमा गश्ती दल (US Border Patrol) ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें निर्वासित लोगों को वापस लाने के लिए विमान में ले जाया जा रहा था। यूएसबीपी प्रमुख माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने एक बयान के साथ एक्स पर 24 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें कहा गया है, "… अवैध एलियंस (illegal aliens) को सफलतापूर्वक भारत लौटाया गया, जो सैन्य परिवहन का उपयोग करके अब तक की सबसे दूर की निर्वासन उड़ान है। यह मिशन आव्रजन कानूनों को लागू करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है…।"
अमेरिका, विश्व भर में अपने समृद्धि और बेहतर जीवन के अवसरों के लिए जाना जाता है, भारतीयों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। लाखों भारतीय नागरिकों ने बेहतर शिक्षा, रोजगार, और जीवन स्तर के लिए अमेरिका की ओर रुख किया था। हालांकि, इनमें से कई लोगों ने अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार की है, जिससे अमेरिका और भारत के बीच एक तनाव पैदा हो गया है।
अमेरिका का कहना है कि उसके यहां अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या समय-समय पर बढ़ती जा रही है। जो भारतीय प्रवासी अमेरिका में अच्छे जीवन की तलाश में पहुंचे थे, वे अक्सर वीजा समाप्त होने या अवैध रूप से प्रवेश करने के कारण कानूनी दावों से बाहर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका में लाखों भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं, और इनकी स्थिति कभी भी अस्थिर हो सकती है, क्योंकि अमेरिकी सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कठोर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में, आव्रजन नीति सख्त कर दी गई है। उनके प्रशासन ने अमेरिकी सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासन रोकना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। ट्रंप प्रशासन ने कई बार कहा है कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को खदेड़ा जाएगा। ऐसे कदमों के तहत, भारतीय नागरिकों को वापस भेजने के अमेरिकी अधिकारियों ने निर्वासन उड़ानें शुरू की हैं, और भारतीयों को उनके हाथों में हथकड़ियों और पैरों में बेड़ियां डाल कर उनके देश वापस भेजा जा रहा है।
भारत सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, और भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है कि वह अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों को स्वीकार करेगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई जटिलताएं हैं, जैसे प्रवासियों की पहचान सत्यापित करना और यह सुनिश्चित करना कि वे वास्तव में भारतीय नागरिक हैं। भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर कई उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें प्रवासी भारतीयों के लिए आसान प्रत्यावर्तन प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई है।
अमेरिका से अवैध रूप से निर्वासित भारतीयों का जीवन अचानक संकट में पड़ गया है। कई भारतीयों ने अमेरिका में अपनी पूरी जिंदगी बसा ली थी, और वे वहां रोजगार, संपत्ति और स्थायित्व पा चुके थे। अचानक उन्हें अपने देश लौटने का आदेश दिया गया है, और यह उनके लिए मानसिक और आर्थिक संकट का कारण बन गया है। इसके अतिरिक्त, कई परिवारों के लिए यह एक कठोर फैसला है, क्योंकि उनमें से कुछ ने अमेरिका में परिवार बना लिया था और उनके बच्चे भी वहां पढ़ाई कर रहे थे। इस तरह निर्वासन से उनके जीवन में अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल बन गया है।
भारत और अमेरिका के बीच एक संतुलित और सहमति आधारित नीति की आवश्यकता है, जिसमें अवैध प्रवासियों की स्थिति समझते हुए उनके सम्मानजनक प्रत्यावर्तन के रास्ते खोले जाएं। इसके अलावा, अमेरिकी सरकार को आव्रजन नीति में सुधार करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि वैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को भी एक सुरक्षित भविष्य मिल सके और अवैध प्रवासन कम हो।
बहरहाल अमेरिका में अवैध प्रवासी भारतीयों की समस्या एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। यह समस्या न केवल प्रवासियों, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों के लिए भी बहुत गंभीर मामला है। इस समस्या का समाधान करने के लिए दोनों देशों को मिल कर काम करने की आवश्यकता है। साथ ही, यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसे कदम उठाए जाएं जो प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए, सुरक्षा और कानून का पालन करें।
Updated on:
06 Feb 2025 03:13 pm
Published on:
06 Feb 2025 03:11 pm
