
Russian President Vladimir Putin to visit India on PM Narendra Modi's invitation
भारत (India) और रूस (Russia) के मज़बूत संबंध किसी से भी छिपे नहीं हैं। लंबे समय से दोनों देशों के बीच काफी अच्छी दोस्ती रही है और समय के साथ यह और मज़बूत हुई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की दोस्ती भी जगजाहिर है। दोनों, समय-समय पर एक-दूसरे की तारीफ करने से भी पीछे नहीं हटते। पिछले साल पीएम मोदी ने दो बार रूस का दौरा किया था और पुतिन को भी भारत आने का न्यौता दिया था। पीएम मोदी के न्यौते को पुतिन ने स्वीकार कर लिया है और वह जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। गुरुवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने इस बारे में जानकारी दी।
पुतिन आखिरी बार 6 दिसंबर, 2021 को भारत आए थे। रूसी राष्ट्रपति, 21वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे। हालांकि पुतिन का यह दौरा कुछ घंटों का ही था। इस दौरान पीएम मोदी और पुतिन के बीच कई अहम विषयों पर बातचीत हुई थी। ऐसे में पुतिन के आखिरी भारत दौरे को करीब 4 साल हो चुके हैं।
फिलहाल लावरोव ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि पुतिन कब भारत आएंगे। हालांकि इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि रूसी राष्ट्रपति 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत का दौरा करेंगे। फिलहाल इस सम्मेलन की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि पुतिन के भारत दौरे की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।
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रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War), जो 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था, के बाद से यह पुतिन का पहला भारत दौरा होगा। पूरे युद्ध के दौरान भारत ने कभी भी रूस की आलोचना नहीं की और भारत ऐसा करने वाले कुछ चंद देशों में शामिल है। भारत ने हमेशा ही शांति से इस युद्ध का समाधान निकालने का संदेश दिया। ऐसे में इस युद्ध के 3 साल पूरे होने के बाद जहाँ इसे रोकने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं, पुतिन के भारत दौरे पर दुनियाभर की नज़रें रहेंगी।
पुतिन के इस दौरे के दौरान वह पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। पिछले कुछ साल में भारत-रूस द्विपक्षीय संबंध काफी मज़बूत हुए हैं और वेस्टर्न देशों के दबाव के बावजूद भारत ने कभी भी इन संबंधों पर नकारात्मक असर नहीं पड़ने दिया। पुतिन के आगामी भारत दौरे के दौरान भी दोनों देशों के लीडर्स का भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर रहेगा।
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डिफेंस सेक्टर में रूस, भारत के सबसे बड़े पार्टनर्स में से एक है। भारत, रूस से कई एडवांस हथियार खरीदता है और जल्द ही दोनों देश साथ मिलकर Su-57 फाइटर जेट का भी निर्माण कर सकते हैं, जिसका प्रस्ताव रूस की तरफ से भारत को दिया गया है। इतना ही नहीं, रूस, भारत की एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए रूसी एयर-टू-एयर मिसाइलों का भी भारत में निर्माण करने के लिए तैयार है। भारत, रूस से कच्चा तेल, परिष्कृत पेट्रोलियम, कोयला, उर्वरक और कीमती पत्थर भी इम्पोर्ट करता है। ऐसे में रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान पीएम मोदी और पुतिन के बीच डिफेंस और ट्रेड सेक्टर में कई अहम डील्स हो सकती हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने वेनेज़ुएला (Venezuela) से तेल खरीदने पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसका असर उन देशों पर पड़ेगा जो वेनेज़ुएला से तेल खरीदते हैं। इन देशों में भारत भी शामिल है। हालांकि इसका भारत पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे भारत के रूस से तेल खरीदने की मात्रा बढ़ सकती है।
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Published on:
28 Mar 2025 12:25 pm
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