भारत के एक छोटे से गांव में उनके पीएम बनने के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं। सुनने में ये अजीब लगता है कि भला भारत में पाकिस्तान के किसी नेता के लिए ऐसा क्यों हो सकता है, वजह है कि ये गांव शरीफ फैमिली का पैतृक गांव है।
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अमृतसर में है शरीफ का पैतृक गांव
पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज खान का पैतृक गांव अमृतसर में है। इस सीमावर्ती गांव का नाम है जाटी उमरा। ये छोटा सा, लेकिन समृद्ध गांव है। हालांकि आजादी के वक्त बंटवारे के दौरान शरीफ का परिवार पाकिस्तान चला गया था।
लेकिन बताया जाता है कि शरीफ अब भी इस गांव के संपर्क में रहते हैं। बता दें कि तब अविभाजित भारत में पंजाब के इस गांव में ये हिंदू बहुल गांव था।
जम्मू के पुलवामा है शहबाज शरीफ की मां
बता दें कि शहबाज की मां पुलवामा से ताल्लुक रखती हैं। बंटवारे के बाद उनके पिता ने लाहौर में बिजनेस शुरू किया जो धीरे-धीरे बढ़ता गया और शरीफ का परिवार वहीं बस गया।
1964 में पहली बार शहबाज इस गांव में आए
बता दें कि 1964 में शहबाज अपने पिता के साथ पहली बार यहां आए, हालांकि उनके पिता मियां मुहम्मद शरीफ 1979 में यहां आए। शहबाज ने 15 दिसंबर 2013 में फिर यहां का दौरा किया।
कितनी संपत्ति के मालिक हैं शहबाज?
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र 'The News International' की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो का क्लेम है कि पिछले 30 वर्षों में शाहबाज शरीफ परिवार की संपत्ति 20 लाख रुपए से बढ़कर 700 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
NAB ने 2020 में आरोप लगाया था कि शाहबाज शरीफ ने अपने परिवार, बेनामीदार, कर्मचारियों एवं सहयोगियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का एक संगठित सिस्टम बना रखा था। एनएबी के दस्तावेज के मुताबिक, 1990 में शाहबाज ने एक डिस्क्लोजर में 21.21 लाख रुपए की संपत्ति होने की बात कही थी।
डॉक्यूमेंट के मुताबिक, 2018 में शाहबाज शरीफ परिवार की कुल संपत्ति बढ़कर 732.8 करोड़ रुपए हो गई, उनकी संपत्ति में ये बढ़ोतरी महज 28 साल के दौरान हुई है।
नवाब से कम छोटे भाई की संपत्ति
शाहबाज शरीफ की नेट वर्थ अपने बड़े भाई नवाज शरीफ के मुकाबले कम है. एक अनुमान के मुताबिक नवाज शरीफ के पास करीब 1.6 बिलियन (160 करोड़) डॉलर की संपत्ति है।