
World Happiness Report 2025: विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2025 (World Happiness Report) में भारत (India)147 देशों में 118वें स्थान पर है। यह रिपोर्ट गुरुवार 20 मार्च को वेलबीइंग रिसर्च सेंटर, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से गैलप, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क और एक स्वतंत्र संपादकीय बोर्ड के साथ पार्टनरशिप में प्रकाशित की गई है। फ़िनलैंड एक बार फिर सबसे 'खुशहाल' देश के रूप में उभरा है, इसके बाद डेनमार्क और आइसलैंड का स्थान है। रिपोर्ट के अनुसार, फ़िनलैंड (Finland) लगातार आठवीं बार दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना है। इस रिपोर्ट में भारत की ग्लोबल रैंकिंग (global rankings) में सुधार देखा गया है, लेकिन यह अभी भी अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और नेपाल से पीछे है। भारत इस सूची में 118वें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 109वें और नेपाल 92वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में फ़िनलैंड के बाद डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड, कोस्टा रिका, नॉर्वे, इज़राइल, लक्ज़मबर्ग और मैक्सिको जैसे देश शामिल हैं। अमेरिका इस सूची में 24वें स्थान पर है, जो पिछले वर्षों की तुलना में गिरावट को दर्शाता है। अफगानिस्तान को सबसे निचला स्थान मिला है, जो 147वें नंबर पर है।
यह सूचकांक विभिन्न सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक सहायता कारकों की उपलब्धता के अनुसार देशों को रैंक देता है। अफ़गानिस्तान सबसे निचले स्थान पर रहा। क्योंकि कई अफ़गान महिलाओं ने कहा कि उनका जीवन कठिन होता जा रहा है, उसके बाद सिएरा लियोन और लेबनान का नंबर है।
ध्यान रहे कि सन 2012 की सूची में भारत की सबसे निचली रैंकिंग 144 थी, जबकि 2022 में इसका स्कोर 94 पर पहुंच गया। इस स्टडी में खुशी के लिए 6 व्याख्यात्मक कारकों सामाजिक समर्थन, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, स्वास्थ्य जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा के आधार पर स्टडी की गई।
पश्चिमी देशों, विशेष रूप से यूरोपीय देशों ने शीर्ष 20 में अपना दबदबा कायम रखा, कोस्टा रिका और मैक्सिको ने पहली बार शीर्ष 10 में प्रवेश किया, क्रमशः 6वें और 10वें स्थान पर। इधर बढ़ती नाखुशी और अकेलेपन के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका 24वें स्थान पर आ गया है। यूनाइटेड किंगडम भी 23वें स्थान पर है, जो 2017 के बाद से इसका सबसे कम स्कोर है।
बहरहाल यह रिपोर्ट आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक समर्थन, स्वतंत्रता, विश्वास और उदारता जैसे मानकों के आधार पर देशों की खुशहाली का मूल्यांकन करती है। भारत की रैंकिंग में सुधार के बावजूद यह दर्शाता है कि देश में सामाजिक समर्थन और आपसी विश्वास जैसे कारकों में और सुधार की आवश्यकता है।
Published on:
20 Mar 2025 02:56 pm
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