
फोटो सोर्स- 'X' Agra commissionrate police)
Change religion and get government job आगरा में धर्म परिवर्तन का बड़ा खुलासा किया गया है। प्रत्येक रविवार को होने वाली विशेष प्रार्थना सभा में लोगों को धर्म परिवर्तन करने के बाद सरकारी नौकरी से लेकर अन्य सुविधाओं का लालच दिया जाता था। विदेश से जूम मीटिंग के माध्यम से ब्रेनवास किया जाता था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद दो महिला पुलिस कर्मियों को वेश बदलकर प्रार्थना सभा में भेजा गया। जिनके साथ भी इसी प्रकार की हरकतें हुई। उनके कलावा को काट दिया गया, बाईबल पढ़वाया गया, धर्म परिवर्तन के बाद मिलने वाले लाभ के विषय में जानकारी दी गई। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें मुख्य कर्ताधर्ता जो स्वयं हिंदू से इसाई बना था और तीन महिलाएं शामिल है। मामला आगरा के शाहगंज का है।
उत्तर प्रदेश की आगरा की शाहगंज केदार नगर में पास्टर राजकुमार लालवानी के घर बड़े पैमाने पर गरीब, बीमार लोगों को लालच देकर बुलाया जाता था। उन्हें बताया जाता था कि धर्म परिवर्तन के बाद जिंदगी बदल जाएगी। शिकायत पुलिस आयुक्त के पास पहुंची। पुलिस आयुक्त के संज्ञान में मामला आने के बाद शाहगंज पुलिस ने दो महिला पुलिस कर्मियों को वेश बदलकर साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए भेजा।
दोनों महिलाओं को भी धर्म परिवर्तन करने वाले की रोगों के सदस्यों ने ब्रेनवास करने की कोशिश की। उन्हें धर्म परिवर्तन के बाद होने वाले लाभ के विषय में बताया गया। इस दौरान महिलाओं के हाथ में बंधे कलावे को कटवा दिया गया। बाईबल पढ़ने और ईसाई बनने का दबाव बनाया गया। फास्टर राजकुमार लालवानी 'चर्च ऑफ़ गॉड आगरा' के नाम से एक वीडियो यूट्यूब चैनल चल रहा है। जिसमें प्रार्थना सभा के कार्यक्रमों के विषय में जानकारी और ब्रेनवाश के वीडियो अपलोड किए जाते थे।
पूछताछ के दौरान राजकुमार ने बताया कि 4 साल पहले वह हिंदू था। बाद में ईसाई बन गया और अपना नाम राजकुमार से पास्टर राजकुमार कर लिया। शाहगंज केदार नगर में रहकर धर्म परिवर्तन का प्रयास करने लगा। उसने अपनी टीम भी तैयार की। जिसने महिला सदस्य भी थी। गरीब और बीमार लोगों को रविवार की प्रार्थना सभा में आने के लिए कहा जाता था। उन्हें पैसे, नौकरी और अच्छी जिंदगी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने को कहा जाता था। जूम मीटिंग के माध्यम से स्पेन और दुबई में बैठे लोगों से बात कराई जाती थी। ब्रेनवास के सारे तरीके अपनाए जाते थे। बताया जाता था ईसाई धर्म अपनाने से जिंदगी खुशहाल होगी। सरकारी नौकरी भी मिल जाएगी।
डीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद दो महिला पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में जांच के लिए भेजा गया। दोनों महिलाओं ने एक महीने की मशक्कत के बाद "चर्च आफ गॉड आगरा" यूट्यूब चैनल और धर्म परिवर्तन केंद्र के संचालक राजकुमार के गिरोह का खुलासा हुआ।
इस दौरान सबूत इकट्ठा किए गए। राजकुमार और उसके गिरोह के सदस्यों में महिला पुलिसकर्मियों को धर्म परिवर्तन करने और ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए। इनके फंडिंग और नेटवर्क के विषय में भी जांच की जा रही है। राजकुमार, अनूप कुमार, कमल कुंडलानी, जयकुमार, अरुण सहित तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से 15 बाइबल, तीन ईसाई गीतों की पुस्तक, आठ कॉपी रजिस्टर, चार डायरी, 6 मोबाइल, दो कार (अर्टिगा और हुंडई) और 13165 रुपए नगर प्राप्त बरामद किए गए।
Updated on:
03 Sept 2025 09:04 am
Published on:
03 Sept 2025 08:07 am
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