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देवनानी ने बताया कि नेहरू अस्पताल का मुख्य भवन 130 और नया ब्लॉक 50 वर्ष पुराना हो चुका है। वर्ष 2018 से जनवरी 2020 तक अस्पताल में मरम्मत और विकास कार्यों के लिए 388.65 लाख रुपए स्वीकृत किए गए। इसमें से महज 153.63 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। यह शहर और जिले की जनता से दोखा है। स्वीकृत राशि को एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है लेकिन बकाया राशि खर्च नहीं हुई है। यह भी पढ़ें
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नई मशीन का इंतजार
देवनानी ने कहा कि अस्तपताल के नेत्र रोग विभाग को नई मशीन का इंतजार है। इसके अभाव में आंख के परदे के मरीजों का उपचार नहीं हो रहा। नई मशीन खरीदने के लिए बीते वर्ष नवंबर में निविदा प्रक्रिया प्रारंभ हुई पर अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है।
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बिना प्रावधान कैसे स्थानांतरण?देवनानी ने बताया कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज को कायड़ में स्थानांतरित करना प्रस्तावित है। सरकार ने इस बजट में भी सरकार ने इसके लिए कोई प्रावधान नहीं रखा है।
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शुरू हुई प्रथम वर्ष के स्वयंपाठी विद्यार्थियों की परीक्षा अजमेर. साल भर मौज-मस्ती करने वाले विद्यार्थियों की दिनचर्या बदली नजर आई। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की प्रथम वर्ष नॉन कॉलेजिएट विद्यार्थियों की परीक्षाओं की शुरुआत हुई। अब मई-जून तक विभिन्न कक्षाओं की सालाना परीक्षाओं का दौर चलेगा। प्रथम वर्ष नॉन कॉलेजिएट परीक्षा में 45 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत हैं।