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अजमेर की पांच सरकारी स्कूल बनेंगी स्मार्ट

locationअजमेरPublished: Jul 17, 2019 11:18:22 pm

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स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में होगा कायाकल्प, प्रस्ताव तैयार, जुटाएंगे सुविधाएं और संसाधन

चन्द्रप्रकाश जोशी.

अजमेर.

स्मार्टसिटी बनने जा रहे अजमेर के सरकारी स्कूलों को भी स्मार्ट (smart)बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत पहले चरण में अजमेर के पांच सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाया जाएगा। स्मार्ट स्कूल की सभी सुविधाएं, संसाधन भी स्मार्ट करने की योजना है।
स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत अजमेर के पांच सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के रूप में चिह्नित किया गया है। इसमें बालकों के साथ बालिकाओं के सरकारी स्कूल शामिल हैं। स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट बनाए जाने वाले स्कूलों के नामों को लेकर चर्चा कर ली गई है। जल्द ही इनके प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लग सकती है। अजमेर की पुरानी इन स्कूलों के स्मार्ट होने से सरकारी स्कूल में अत्याधुनिक तकनीक से छात्र-छात्राओं को शिक्षा मिल सकेंगी। पूर्व में राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए थे मगर अब इन पांच स्कूलों को पूर्ण रूप से स्मार्ट बनाया जाएगा।
ये स्कूल चिह्नित

राजकीय बालिका उमावि फॉयसागर, महात्मा गांधी राजकीय स्कूल (अंग्रेजी मीडियम) वैशालीनगर, राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक स्कूल, राजकीय सावित्री बालिका उमावि, राजकीय मोइनिया इस्लामिया उच्च माध्यमिक स्कूलों को चिह्नित किया गया है।
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सुविधाएं होंगी स्मार्ट

स्मार्ट स्कूल का भवन स्मार्ट -रंगरोगन, नया फर्नीचर, स्मार्ट क्लास रूम, स्मार्ट लाइब्रेरी, स्मार्ट लैब सहित स्कूल का परिवेश/परिसर भी स्मार्ट बनाया जाएगा। सह शौक्षिक गतिविधियों, खेलकूद, इंडोर गेम्स आदि की सुविधाएं बढ़ेंगी। शिक्षण की गुणवत्ता एवं अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
यह होगा फायदा :

सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने से ये स्कूल निजी स्कूलों को टक्कर देंगे। इससे अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं का रुझान पर सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ेगा।

अब तक 42 स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम :
भाजपा सरकार के समय अजमेर शहर के 42 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट रूम बनाए गए। इसमें कम्प्यूटर लैब, प्रोजेक्टर सहित अन्य संसाधान जुटाए गए। इसमें सैटेलाइट से पढ़ाई की व्यवस्था की गई।

इनका कहना है
स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में पांच सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। संबंधित पांच स्कूलों को चिह्नित कर लिया गया है। यह प्रस्ताव हैं, जल्द ही इस पर मुहर लग सकती है।
-अजय गुप्ता, सहायक निदेशक मुख्य जिशिअ अजमेर

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