
अजमेर/मांगलियावास। सराधना ग्राम पंचायत के नदी प्रथम गांव में शुक्रवार माध्यमिक विद्यालय को क्रमोन्नत नहीं करने से गुस्साए ग्रामीणों ने शुक्रवार विद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ कर ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी अजमेर ग्रामीण, सराधना सरपंच सहित शिक्षकों को करीब ढाई घंटे तक बंधक बनाए रखा। बाद में पुलिस की समझाइश और बीईईओ की ओर से लिखित में आश्वासन दिए जाने के बाद ग्रामीणों ने विद्यालय का ताला खोला।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को नदी प्रथम स्थित माध्यमिक विद्यालय में वार्षिक उत्सव मनाया जाना था। इस पर ग्रामीण सुबह 9 बजे ही विद्यालय पहुंच गए। समारोह में पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर सहित शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी दोपहर 3 बजे तक भी विद्यालय नहीं पहुंचा। ग्रामीण उनका इंतजार करते रहे। जबकि सराधना सरपंच हरिकिशन जाट सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि समय पर पहुंच गए। अपराह्न 4 बजे तक नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया।
इस दौरान 4 बजे बाद बीईईओ हेमंत जाटव विद्यालय पहुंचे, तो ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बीईईओ जाटव, सरपंच और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी शिक्षक व स्थानीय जनप्रतिनिधि जब विद्यालय के अंदर ही थे कि ग्रामीणों ने मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। इस पर सरपंच ने विद्यालय के भीतर से ही ग्रामीणों को ताला खोलकर बीईईओ से वार्ता करने की अपील की। लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
पुलिस ने की समझाइश:
सूचना मिलने पर मांगलियावास थाने से हैडकांस्टेबल रामस्वरूप अकोदिया मय जाप्त मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश की गई। ग्रामीणों का कहना था कि माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करवाए जाने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से को आश्वासन दिया गया था। लेकिन विद्यालय क्रमोन्नत नहीं हुआ जिससे छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है।
बीईईओ ने लिखित में दिया आश्वासन:
शाम करीब 6:30 बजे बीईईओ हेमंत जाटव ने ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया कि वे सोमवार को ग्रामीणों का शिष्टमंडल अजमेर कार्यालय पहुंचे। जहां पर उच्च अधिकारियों से वार्ता कर उचित कर विद्यालय क्रमोन्नत करवाने के प्रयास जारी किए जाएंगे। इस पर ग्रामीणों ने विद्यालय की मुख्य द्वार का ताला खोला। मुख्य द्वार का ताला खोले जाने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और शिक्षकों ने राहत की सांस ली।
इनका कहना है:
विद्यालय क्रमोन्नत नहीं होने के कारण ग्रामीण आक्रोशित थे। सुबह 9 बजे से ही पीसीसी उपाध्यक्ष के इंतजार में विद्यालय पहुंच गए थे। लेकिन किसी भी अधिकारी के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। लिखित आश्वासन के बाद ताला खोला गया।
हरिकिशन जाट, सरपंच सराधना
Published on:
21 Jan 2023 03:14 pm
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