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Bhadel said: कनिष्ठ लिपिक भर्ती में जोड़ें एससी-एसटी के1211 बैकलॉग पद

locationअजमेरPublished: Feb 26, 2020 08:22:55 am

Submitted by:

raktim tiwari

कार्मिक विभाग के नियमानुसार बकाया पदों को अगली भर्ती प्रक्रिया में जोडऩा था।

anita bhadel

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अजमेर. विधायक अनिता भदेल ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के बैकलॉग पदों को जोडकऱ नई भर्ती निकालने की मांग की है।

भदेल ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में आयोजित कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में 7 हजार 773 पद थे। इनमें अनुसूचित जाति के 1138 और अनुसूचित जनजाति के 857 पद थे। आयोग ने लिखित परीक्षा 23 अक्टूबर 2016 और टंकरण दक्षता परीक्षा 7-8 मार्च 2017 को कराई। परिणाम जुलाई में घोषित किया गया।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 1995 में से 784 को ही नियुक्ति मिली है। इनमें अनुसूचित जाति के 506 और अनुसूचित जनजाति के 705 पद हैं।
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नहीं जोड़े बैकलॉग पद…

भदेल ने कहा कि कार्मिक विभाग के नियमानुसार बकाया पदों को अगली भर्ती प्रक्रिया में जोडऩा था। साल 2018 में राजस्थान कर्मचारी एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड ने लिपिक भर्ती विज्ञप्ति जारी की। इसमें 12 हजार 906 पद थे। इनमें एससी के 1638 व एसटी के 1452 पद शामिल थे। कायदे से इसमें वर्ष 2013 के 1211 बैकलॉग पदों को जोड़ा जाना था। लेकिन चयन ने पद जोड़े बगैर भर्ती निकाल दी। सरकार को बैकलॉग के पदो को जोड़ते हुए पुन: भर्ती निकालनी चाहिए।
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आपको हाईटेक और स्मार्ट दिखेगा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड

अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को हाईटेक और स्मार्ट बनाने के लिए कई नवाचार शुरू होंगे। स्टाफ ट्रेनिंग स्कूल में शिक्षकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह बात अध्यक्ष डॉ. डी. पी. जारौली ने पत्रकारों से बातचीत में कही।
डॉ. जारौली ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए स्टाफ ट्रेनिंग स्कूल बनाया था। बोर्ड जल्द स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत करेगा। इसमें शिक्षण-पाठ्यक्रमों और परीक्षात्मक नवाचार पर नियमित चर्चा की जाएगी। बोर्ड को हाईटेक और स्मार्ट बनाने के लिए योजनाएं बनेंगी। दूरस्थ विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन सुविधाएं कैसे मिलें इस पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान सचिव मेघना चौधरी, वित्त नियंत्रक आनंद आशुतोष, निदेशक जी. के. माथुर और अन्य मौजूद थे।

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