पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप (kunawar rashtradeep) ने बताया कि भरतपुर नदबई के लोहासा गांव निवासी सौरभ शर्मा (38) पुत्र रामधन शर्मा बेरोजगारों (un empoyed) को सरकारी नौकरी का झांसा देकर फांसता रहा है। वह कथित आईएएस अधिकारी बनकर कई सरकारी विभागों (govt offices)के उच्चाधिकारियों से फोन पर बातचीत कर चुका है। जबकि वह सिर्फ आठवीं पास है। एडीएम सिटी अरविंद सैंगवा की सूचना पर पुलिस ने पड़ताल शुरू की थी।
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सौरभ बेरोजगारों को सरकारी नौकरी (govt jobs)दिलाने के नाम ठगता था। वह रौब झाडऩे की गरज से बेरोजगारों को सर्किट हाउस (circuit house), डाक बंगला (dak bunglow) अथवा अन्य सरकारी भवनों में ठहराता। साथ ही खुद भी उपयोग करता था। राजस्थान में उसके कारनामे भरतपुर (bharatpur) जिले तक सीमित थे। उसके खिलाफ नदबई (nadbai) थाने में दो, चिकसाना (chiksana), सेवर (sevar) और बयाना (bayana) में एक-एक मुकदमा दर्ज है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सौरभ बेरोजगारों को सरकारी नौकरी (govt jobs)दिलाने के नाम ठगता था। वह रौब झाडऩे की गरज से बेरोजगारों को सर्किट हाउस (circuit house), डाक बंगला (dak bunglow) अथवा अन्य सरकारी भवनों में ठहराता। साथ ही खुद भी उपयोग करता था। राजस्थान में उसके कारनामे भरतपुर (bharatpur) जिले तक सीमित थे। उसके खिलाफ नदबई (nadbai) थाने में दो, चिकसाना (chiksana), सेवर (sevar) और बयाना (bayana) में एक-एक मुकदमा दर्ज है।
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आरोपी सौरभ ने प्रेमसिंह, हर्ष और यशवंत को संभागीय आयुक्त कार्यालय (divisional commissioner office)में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम बुलाया था। सीएमओ का फर्जी आईएएस बनकर उसने अजमेर के सर्किट हाउस में कमरा बुक कराया और तीनों को ठहराया। पूछताछ में तीनों के बेरोजगार होने की जानकारी मिली है। इनका सौरभ या किसी गैंग (gang) से संबंध होने को लेकर पुलिस अलग जांच कर रही है। उसने दूसरे राज्यों (other states) में भी बेरोजगारों से सरकारी नौकरी के नाम पर रुपए ऐंठने, सरकारी सुविधाओं का उपयोग किया है।
आरोपी सौरभ ने प्रेमसिंह, हर्ष और यशवंत को संभागीय आयुक्त कार्यालय (divisional commissioner office)में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम बुलाया था। सीएमओ का फर्जी आईएएस बनकर उसने अजमेर के सर्किट हाउस में कमरा बुक कराया और तीनों को ठहराया। पूछताछ में तीनों के बेरोजगार होने की जानकारी मिली है। इनका सौरभ या किसी गैंग (gang) से संबंध होने को लेकर पुलिस अलग जांच कर रही है। उसने दूसरे राज्यों (other states) में भी बेरोजगारों से सरकारी नौकरी के नाम पर रुपए ऐंठने, सरकारी सुविधाओं का उपयोग किया है।
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एसपी ने बताया कि सौरभ राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc ajmer) में भी फर्जी आईएएस बनकर अधिकारियों से बातचीत कर चुका है। उसने आयोग में दस्तावेज (documents) भी भेजे थे। इस मामले में आरपीएससी सहित अन्य कार्यालयों से जानकारी मांगी गई है। मालूम हो कि पत्रिका ‘भरतपुर एसपी और कार्मिक विभाग के फर्जी पत्र भेज चुका है ठग ’ नाम से प्रकाशित खबर में इसका खुलासा कर चुका है।
एसपी ने बताया कि सौरभ राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc ajmer) में भी फर्जी आईएएस बनकर अधिकारियों से बातचीत कर चुका है। उसने आयोग में दस्तावेज (documents) भी भेजे थे। इस मामले में आरपीएससी सहित अन्य कार्यालयों से जानकारी मांगी गई है। मालूम हो कि पत्रिका ‘भरतपुर एसपी और कार्मिक विभाग के फर्जी पत्र भेज चुका है ठग ’ नाम से प्रकाशित खबर में इसका खुलासा कर चुका है।
करता है पंडिताई
सीओ नॉर्थ डॉ. प्रियंका ने बताया कि पड़ताल में आरोपी सौरभ के भरतपुर में पंडिताई (traditional worship) करने की जानकारी मिली है। उसने भरतपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपए भी वसूले थे। अजमेर आए तीनों बेरोजगारों से रूपए की डील (cash deal) नहीं हुई थी। संभवत: वह काम होने के बाद उनसे रुपए ऐंठने की फिराक में था। फिलहाल यह जांच के विषय हैं।
सीओ नॉर्थ डॉ. प्रियंका ने बताया कि पड़ताल में आरोपी सौरभ के भरतपुर में पंडिताई (traditional worship) करने की जानकारी मिली है। उसने भरतपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपए भी वसूले थे। अजमेर आए तीनों बेरोजगारों से रूपए की डील (cash deal) नहीं हुई थी। संभवत: वह काम होने के बाद उनसे रुपए ऐंठने की फिराक में था। फिलहाल यह जांच के विषय हैं।
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आरोपी को पकडऩे के लिए विशेष टीम (special team) बनाई गई थी। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस, वृत्ताधिकारी डॉ. प्रियंका, कोतवाली थानाधिकारी छोटीलाल मीणा, नरेंद्र सिंह, प्रभात कुमार, भगवानसिंह, अवधेश कुमार गहलोत और अन्य शामिल थे।
आरोपी को पकडऩे के लिए विशेष टीम (special team) बनाई गई थी। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस, वृत्ताधिकारी डॉ. प्रियंका, कोतवाली थानाधिकारी छोटीलाल मीणा, नरेंद्र सिंह, प्रभात कुमार, भगवानसिंह, अवधेश कुमार गहलोत और अन्य शामिल थे।