महावीर भट्ट
पुष्कर .जगतपिता ब्रह्मा के पवित्र पुष्कर(pushkar) तीर्थ का महत्व अब केवल भारत में नहीं विदेशों में भी दिखने लगा है। यही कारण है कि सात समंदर पार विदेशी पर्यटक ( foreign tourist in Pushkar )भी तीर्थराज पुष्कर सरोवर (pushkar sarover) की पूजा अर्चना करने लगे हैं। साथ ही विदेशों में मृत अपने परिजनों की अस्थियां भी पुष्कर सरोवर में लाकर विसर्जित करने लगे हैं।

ऐसे कई मामले देखने में आए हैं जब सात समंदर पार से विदेशी पर्यटक अपने मृतक परिजनों की अस्थियां लेकर पुष्कर आए तथा उन्होंने मंत्रोचार के साथ अस्थियां पुष्कर सरोवर में विसर्जित करके मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

ऐसा ही मामला गुरुवार को देखने को मिला जब एक पत्नी ने अपने परिजनों के साथ अपने दिवंगत पति की अस्थियां उसकी इच्छा अनुसार पुष्कर सरोवर में मंत्रोचार के साथ प्रवाहित की। तीर्थ नगरी पुष्कर में आज सात समंदर पार से आये विदेशी पर्यटकों ने अपने रिश्तेदार का जयपुर घाट (jaipur ghat in pushkar) पर अस्थि विसर्जन(asthi visarjan) किया। फ्र्रांस निवासी निकोलस का पुष्कर से काफी लगाव था तथा तीन चार बार पुष्कर भी आ चुका था चार माह पूर्व निकोलस की केैंसर से मौत हो गई।

उसकी अंतिम इच्छा थी कि उसके मरने के बाद उसकी अस्थियों का विसर्जन पवित्र पुष्कर सरोवर में हो। निकोलस की अंतिम इच्छानुसार उसकी पत्नी मनुए पुत्र सायरिल और पुत्रवधु मेरी ने आज जयपुर घाट पर अस्थि विसर्जन किया अस्थि विसर्जन के दौरान निकोलस के परिजनों के आंखों में आंसू आ गए।अस्थि विसर्जन तीर्थ पुरोहित पंकज पाराशर ने करवाया। इस दौरान समाजसेवी एंव कपड़ा व्यवसाय राकेश जैेन भी मौजूद थे।